दरियागंज हिंसा मामला में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि लोग कहीं भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है, जहां हमें विरोध करने की अनुमति नहीं है. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि पुलिस बताए कि किस कानून में लिखा है कि किसी भी धार्मिक स्थान के सामने विरोध करना मना है.”
चंद्रशेखर आजाद पर कोर्ट ने कहा- उभरता हुआ नेता
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के दरियागंज में हुए प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद चंद्रशेखर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. इस मामले में चंद्रशेखर ने तीस हजारी कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी, जिसपर अदालत ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है.
इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. तीस हजारी कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए कहा,
“भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद एक उभरते हुए राजनेता हैं. विरोध करने में क्या गलत है. मैंने कई लोगों को देखा है, और कई मामलों में विरोध प्रदर्शन संसद के बाहर भी हुए हैं.”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद के बाहर 21 दिसंबर को लोगों ने प्रदर्शन किए थे, इसी दौरान दिल्ली के दरियागंज इलाके में हिंसा और आगजनी हुई. जिसके बाद पुलिस ने 15 लोग समेत भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया था.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पुरानी दिल्ली के दरिया गंज में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 14 लोगों को जमानत मिल गई है.
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