राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में नए सरकार्यवाह के तौर पर दत्तात्रेय होसबोले को चुना गया है. आरएसएस में सरसंघचालक के बाद यह नंबर दो का पद माना जाता है. होसबोले पिछले करीब 12 सालों से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी संभाल रहे सुरेश भैय्याजी जोशी की जगह लेंगे.
होसबोले साल 2009 से सह सरकार्यवाह पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वह अभी 65 साल के हैं. ऐसे में वह आगे 71 साल की उम्र होने तक सरकार्यवाह के दो कार्यकाल पूरे कर सकते हैं. इन दो कार्यकाल में साल 2024 का लोकसभा चुनाव और संघ का जन्मशताब्दी वर्ष भी आ जाएगा.
इसके अलावा माना जा रहा है कि संघ दक्षिण भारत पर भी फोकस कर रहा है. दक्षिण भारत के कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले होसबोले इसमें भी मददगार हो सकते हैं. एबीवीपी में लंबे समय तक रहने के दौरान दत्तात्रेय के पास सांगठनिक कौशल भी है.
होसबोले साल 1968 में आरएसएस में शामिल हुए थे. वह देश में लगी इमर्जेंसी के दौरान सक्रिय रहे थे और उनको मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार भी किया गया था.
दत्तात्रेय एनआरसी और एनईपी समेत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कई कदमों के समर्थन में दिख चुके हैं. उन्होंने मई में एक वीडियो संदेश में कहा था कि पीएम मोदी ने समय से लॉकडाउन जैसे कई सख्त फैसले लिए, जिससे कोरोना महामारी की रफ्तार धीमी हुई. इसके अलावा महामारी को लेकर उन्होंने कहा है कि ऐसे मुश्किल वक्त में देश को एकजुट रहना होगा.
संगठन के काम करने के तरीके को लेकर पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि किसी भी संगठन को लचीला होना चाहिए, लेकिन ढीला नहीं, हमारे लक्ष्य और सिद्धांत अपरिवर्तनीय होने चाहिए, बाकी समय और परिस्थितियों के अनुसार काम करने के तरीके में बदलाव हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि हमें नई चीजों को आत्मसात करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
बता दें कि संघ में हर तीन साल पर सरकार्यवाह पद का चुनाव होता है. यह संगठन में कार्यकारी पद होता है, जबकि सरसंघचालक का पद मार्गदर्शक का होता है. संघ के नियमित कामों के संचालन की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है.
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