ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में ऑक्सफोर्ड COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेंट के फेज II+III क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पुणे को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, SII का स्वीडिश-ब्रिटिश फर्म AstraZeneca, जिसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ वैक्सीन विकसित की है, के साथ निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए टाई-अप है.
बता दें कि पिछले दिनों मेडिकल जर्नल ‘लांसेट’में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कैंडिडेट के फेज I/II क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे पब्लिश किए गए थे, जिनमें कहा गया था कि यह वैक्सीन सुरक्षित है और शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्युनिटी रिस्पॉन्स) को पैदा करती है.
शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल के तहत अप्रैल और मई में ब्रिटेन के 5 अस्पतालों में 18 से 55 साल की उम्र के 1,077 स्वस्थ वयस्कों को वैक्सीन की डोज दी गई थी. इसके नतीजे बताते हैं कि वैक्सीन ने टीकाकरण के 14 दिनों के अंदर एक टी सेल प्रतिक्रिया को पैदा किया, और 28 दिनों के भीतर एक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया पैदा की.
इन नतीजों को उम्मीद भरा माना जा रहा है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पता लगाना बहुत जल्दीबाजी होगी कि क्या यह सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि बड़े स्तर पर अभी भी ट्रायल्स चल रहे हैं.
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