डियर इंडिया,
हां मैं एक भारतीय हूं और अच्छी भी हूं. हमारा महान इतिहास सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के लिए भी प्रेरणा रहा है. हमारे नेताओं ने अपना बलिदान दिया तब जा कर हम इस गौरवशाली देश में रह पा रहे हैं.
लेकिन क्या उनके बलिदान की कोई कीमत है? आसपास देखो क्या हो रहा है? महिलाओं के खिलाफ अनगिनत क्राइम, गरीबी, महंगाई और न जाने क्या..क्या. दिन पर दिन स्थिति खराब ही होती जा रही है. कानूनी कार्रवाई करने की जगह, हमारे पास ऐसे नेता हैं जो अजीबो-गरीब कमेंट करते हैं "रेप गलती से हो जाते हैं", "लड़के तो आखिर लड़के हैं".
लगता है जैसे देश में कुछ नहीं बदला. हो सकता है स्थिति और भी खराब हो जाए. पहले हम अंग्रेजों की दया पर रहते थे और अब हमारे संवेदनहीन राजनेताओं की दया पर रहते हैं. भले ही कुछ कदम हमने उठाए हैं लेकिन वो काफी नहीं है.
मैं अपने देश की युवाओं से आग्रह करती हूं कि वो जिम्मेदारी उठाएं और हर उस चीज के लिए खड़े हों जो सही है. यह विडंबना ही तो है कि हम देश में महिलाओं की इज्जत नहीं करेंगे लेकिन लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती की पूजा जरुर करेंगे.
तो चलिए, साथ आइए और एक मजबूत भारत का निर्माण कीजिए. एक ऐसा भारत बनाइए जो सबका हो.
आपकी
खुशबू खरबंदा
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