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दिल्ली में प्रदूषण 'इमरजेंसी': स्कूल बंद, कर्मचारियों को WFH,क्या-क्या प्रतिबंध?

Delhi Air Pollution: दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूल 8 नवंबर तक बंद रखने का फैसला किया है.

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भारत
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स्कूलों में छुट्टी, ऑनलाइन क्लास, दिल्ली सरकार के आधे कर्मचारी करेंगे घर से काम.... ये हाल है दिल्ली-एनसीआर का और इसका कारण है प्रदूषण. दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना एक बार फिर दूभर हो गया है. राजधानी की हवा में प्रदूषण का स्तर हेल्थ इमरजेंसी ले आया है. इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने GRAP लागू कर दिया है. वहीं, स्कूलों को भी बंद किया गया है. दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि प्राइमरी क्लास तक के बच्चों की 8 नवंबर तक स्कूलों की छुट्टी रहेगी.

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दिल्ली सरकार ने उठाए क्या कदम? दिल्ली में 5 नवंबर से सभी प्राइमरी स्कूलों को स्थिति सामान्य होने तक के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं, पांचवीं से लेकर सातवीं कक्षा तक की आउटडोर एक्टिविटी को प्रतिबंधित कर दिया है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम करेंगे. राय ने ये भी कहा है कि प्राइवेट ऑफिस को भी ऐसा करने के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी.

दिल्ली के हॉटस्पॉट पर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स सेट अप किया जाएगा. वहीं, सरकार दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला को लागू करने पर भी विचार कर रही है. इसके अलावा, प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली में अब GRAP प्लान का चौथा चरण लागू हो गया है.

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GRAP प्लान क्या है? आसान भाषा में GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) इमरजेंसी हालात में प्रदूषण रोकने के लिए बनाया गया एक प्लान है, जिसमें प्रदूषण के स्तर के हिसाब से प्लान के अलग-अलग प्रतिबंध लागू किए जाते हैं.

एक्सपर्ट और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि के साथ मिलकर एनवायरनमेंट पॉल्यूशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (EPCA) ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए GRAP प्लान तैयार किया था, जिसे साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिली थी.

ग्रेप का चौथा चरण लागू होते ही कई तरह की पाबंदियां भी अब लागू हो चुकी हैं. कंस्ट्रक्शन व कूड़ा जलाने पर रोक लगा दिया गया है. बाहर खुले में कंस्ट्रक्शन संबंधी सामग्री को नहीं रखा जा सकता और अगर रखा भी जाएगा तो उसे पूरी तरीके से ढक कर रखा जाएगा.

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क्या गाड़ियों पर भी लगा है प्रतिबंध? चौथे चरण में दिल्ली में, जरूरी सेवाओं और सर्विस से जुड़े ट्रकों को छोड़कर सब पर बैन लगा दिया गया है. हालांकि, इसमें CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छूट दी गई है. दिल्ली के अंदर हल्के और मीडियम माल उठाने वाले डीजल ट्रकों पर भी बैन लगा है.

अक्टूबर में क्या था प्रदूषण का स्तर? CPCB के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार में 1 अक्टूबर को AQI 424 दर्ज किया गया था. इसके करीब दस दिन बाद हवा सांस लेने लायक हुई और 10 अक्टूबर को बड़ी गिरावट के साथ AQI 80 दर्ज किया गया. लेकिन कुछ दिन की राहत के बाद 20 अक्टूबर को AQI वापस 406 दर्ज हुआ. 30 अक्टूबर को दिल्ली के आनंद विहार में AQI 447 दर्ज किया गया था.

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प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें?

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