दिल्ली विधानसभा की 'पीस और हार्मनी' कमेटी ने फेसबुक इंडिया को एक नया और 'फाइनल' समन भेजा है. कमेटी ने कंपनी से 23 सितंबर को पेश होने को कहा है. फेसबुक इंडिया पर 'जानबूझकर हेट स्पीच नियमों' को न लागू करने का आरोप लगा है. कुछ दिन पहले भी 'पीस और हार्मनी' कमेटी ने फेसबुक को समन किया था, जिसके जवाब में मैनेजिंग डायरेक्टर ने कमेटी से समन वापस लेने को कहा था.
कमेटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "पेशी के इस नोटिस को न मानने को कमेटी के उन विशेषाधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा, जो संविधान ने कमेटी को दिए हैं."
फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों ने जो उपेक्षा दिखाई है, वो दिल्ली के लोगों की भी अवमानना है. ये तय हुआ है कि अगर इस बार भी फेसबुक पेश नहीं होता है तो कमेटी फेसबुक इंडिया के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन प्रक्रिया शुरू करने के लिए मजबूर हो जाएगी.दिल्ली विधानसभा की ‘पीस और हार्मनी’ कमेटी
कमेटी के प्रमुख AAP विधायक राघव चड्ढा ने कहा, "जो ओछी टेक्निकल वजहें फेसबुक ने दी थीं, वो असहयोग की पहले से सोची कोशिश लगती है."
पिछली बार क्या हुआ था?
पिछली बार कमेटी ने फेसबुक को समन भेज कर 15 सितंबर को पेश होने को कहा था. फेसबुक ने कमेटी की तरफ से लगाए गए आरोपों और भेजे गए नोटिस को लेकर कहा था कि उनका मामला पहले ही पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी के सामने है. इसीलिए दिल्ली सरकार को ये अधिकार नहीं है कि वो इसी मामले को लेकर फेसबुक के अधिकारियों को समन करे.
साथ ही फेसबुक ने दिल्ली की इस कमेटी को बताया कि उनकी कंपनी भारत सरकार के दिशा निर्देशों पर काम करती है और ये विषय संसद की कमेटी के सामने विचाराधीन है और फेसबुक के अधिकारी पहले ही कमेटी के सामने पेश हो चुके हैं. इसीलिए इस कमेटी को उन्हें दिया गया नोटिस वापस ले लेना चाहिए.
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