दिल्ली विधानसभा स्पीकर और आम आदमी पार्टी विधायक राम निवास गोयल को कोर्ट ने साल 2015 में एक बिल्डर के घर में घुसकर तोड़फोड़ करने और घर में ठहरे मजदूरों के साथ मारपीट के आरोप में दोषी करार दिया है. इस मामले में कोर्ट 18 अक्टूबर को सजा सुनाएगी.
राम निवास गोयल के खिलाफ एक स्थानीय बिल्डर मनीष घई की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी. FIR में आरोप लगाया गया था कि शाहदरा सीट से आम आदमी पार्टी विधायक राम निवास गोयल और उनके समर्थक दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले 6 फरवरी, 2015 की रात विवेक विहार में जबरन उनके घर में घुस आए थे और उनके साथ मारपीट की थी.
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में पुलिस ने एक साल बाद अपनी चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उनके खिलाफ दंगा और घर में घुसकर मारपीट करने की बात कही गई थी. चार्जशीट में रामनिवास गोयल के सात अन्य साथियों का नाम भी शामिल किया गया था, जो घटना के वक्त उनके साथ थे.
राम निवास गोयल के खिलाफ दायर शिकायत के मुताबिक, आम आदमी पार्टी विधायक घई के घर में जबरन यह कहते हुए घुस गए थे कि उनके घर में चुनाव से पहले बांटने के लिए शराब, कंबल और अन्य सामान जमा कर रखा गया है.
AAP ने आरोपों को किया था खारिज
हालांकि, AAP नेताओं ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि वे इस संबंध में एक पीसीआर कॉल करने के बाद पुलिस टीम के साथ ही घई के घर गए थे.
पुलिस के मुताबिक, ‘शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके घर में कुछ मजदूर रह रहे थे. उसने 6 फरवरी, 2015 को लगभग 9.30 बजे कॉल की और बताया कि गोयल और उनके साथी जबरन घर में घुस गए हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं.’
शिकायतकर्ता ने ये भी आरोप लगाया था कि राम निवास गोयल और उनके साथियों ने घर में रखी अलमारी और अन्य फर्नीचर तोड़ दिया था. इसके अलावा घर में ठहरे मजदूरों के साथ भी मारपीट की गई थी.
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