कोरोनावायरस और लॉकडाउन के बीच अरविंद केजरीवाल की सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. दिल्ली विधानसभा में डिप्टी CM और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कोरोनावायरस से लड़ने के लिए 50 करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया. साथ ही सरकार ने ये भी साफ किया कि ये सिर्फ शुरुआती मदद है, जरूरत पड़ने पर इस बजट को बढ़ाएगी.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि पहली बार जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तब ये बजट 30,000 करोड़ रुपए का था. कोरोनावायरस के चलते चार दिवसीय बजट सत्र को घटाकर 1 दिन तक सीमित कर दिया गया है.
मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा,
दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है, मैं दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस महामारी से लड़ने के लिए हम बजट में कोई कमी नहीं आने देंगे.
दिल्ली सरकार के बजट की अहम बातें
- मोहल्ला क्लीनिक और पॉली क्लीनिक के लिए 365 करोड़ रुपए
- दिल्ली सरकार अगले वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 7,704 करोड़ रुपये देगी.
- सरकारी स्कूलों में सभी छात्रों को दैनिक रूप से वितरित किए जाने वाले समाचार पत्र
- अंग्रेजी बोलने और व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम संचालित किया जाना है; इसके लिए 12 करोड़ रुपए.
- डिजिटल क्लास के लिए 100 करोड़ रुपए
- 145 नए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस. दिल्ली के 29 शिक्षा क्षेत्रों में 5 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस होंगे.
केजरीवाल सरकार आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू करेगी
उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट भाषण में ऐलान किया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना अब दिल्ली में भी लागू होगी. बता दें कि बीजेपी और AAP के बीच ये एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बना था.
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