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CM केजरीवाल का ऐलान, दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा

दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में होंगे क्रांतिकारी परिवर्तन- अरविंद केजरीवाल

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की स्थापना का ऐलान किया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस बोर्ड के गठन से ‘दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन को नई ऊंचाइयों की तरफ़ लेकर जाएगा.’

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई.

‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ के 3 अहम लक्ष्य

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली बोर्ड ऑफ एजुकेशन का गठन 3 अहम लक्ष्यों को ध्यान रखते हुए किया गया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि,

  • हमें ऐसे बच्चे तैयार करने होंगे जो देश के लिए बेहतर करे. हर क्षेत्र में हमारे बच्चे देश की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हो.
  • हमारे बच्चे अच्छे इंसान बने, हर प्रकार धार्मिक और जातीय भेदभाव से ऊपर उठकर कार्य करें
  • हम ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करेंगे, जब बच्चा स्कूल से निकले तो उसे रोजगार के लिए दर-दर भटकना न पड़े. हमारा शिक्षा तंत्र रटने पर जोर देता, अब समझने पर जोर होगा. बच्चे का अससेमेंट पूरे साल चलेगा, न कि साल के अंत में होने वाले 3 घंटे की परीक्षा में उसके सालभर का असेसमेंट होगा.

इंटरनेशनल संस्थाओं की ली जाएगी मदद

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “दिल्ली बोर्ड ऑफ एजुकेशन में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बोर्ड के जरिए हम ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करेंगे जिसमें बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर फोकस होगा.”

इस शिक्षा प्रणाली के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि बच्चे की क्या रूचि है और उसका करियर किसी क्षेत्र में होना चाहिए.

शुरुआती चरण में दिल्ली के 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा. CBSE से एफिलिएशन हटाकर इस बोर्ड में लाया जाएगा. इसकी गवर्निंग बॉडी की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री करेंगे.

सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरा

दिल्ली के सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया है. इसका नतीजा यह हुआ कि सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरने लगा. स्कूलों में क्लास रूम से लेकर साफ-सफाई तक हर व्यवस्था में सुधार होने लगा.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हमने शिक्षकों, प्रिंसिपल को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा. इसके अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चे भी विदेश गए और विभिन्न प्रतियोगिताओं में मैडल लेकर लौटे.

इसके अलावा प्रिंसिपल की पॉवर 5 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की. सरकारी स्कूलों में स्टेट मैनेजर की नियुक्ति की गई और मिशन चुनौती व मिशन बुनियाद जैसे कार्यक्रम शुरू किए.

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