दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में दो नए मंत्रियों की नियुक्ति से जुड़ी फाइलों को कथित तौर पर रोककर रखने के लिए मोदी सरकार पर दिल्ली सरकार की कामकाज को बाधित करने का आरोप लगाया है.
इसी मुद्दे पर गुस्सा जाहिर करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ बीजेपी और केंद्र सरकार की ‘‘दुश्मनी'' के वजह से दिल्ली के लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,
कपिल मिश्रा को हटाने के बाद से खाली है मंत्रीपद
अभी हाल ही में अाम आदमी पार्टी ने कपिल मिश्रा को नाकामी की दलील देकर अपने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. और तो और पिछले साल एक अश्लील वीडियो में कथित संलिप्तता के बाद आप विधायक और मंत्री संदीप कुमार को भी दिल्ली कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था. इन दोनों को हटाए जाने के बाद दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में सिर्फ 4 मंत्री ही बचे हैं.
वहीं केजरीवाल के पास दिल्ली सरकार में कोई प्रभार नहीं है. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक सरकार में अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उठाया सवाल
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मुद्दे पर ट्विटर का सहारा लेते हुए कहा
दिल्ली में दो नए मंत्रियों की फाइल 10 दिन से केंद्र सरकार लेकर बैठी है. अब तो कपिल का धरना और मीडिया की नौटंकी खत्म हो गयी, अब तो फाइलों को मंजूर कर दो.
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आप के दो विधायकों - राजेंद्र पाल गौतम और कैलाश गहलोत की नियुक्ति से जुड़ी फाइलें मिश्रा को हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दी गयी थी. लेकिन मंत्रियों के नियुक्ति की फाइलें अब तक गृहमंत्रालय के पास लंबित हैं.
अधिकारी के मुताबिक जल, पर्यटन, समाज कल्याण और महिला एवं बाल कल्याण जैसे क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हो रहा है क्योंकि ये विभाग कुछ समय से नेतृत्व विहीन हैं.
कपिल मिश्रा के पास जल, पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग का प्रभार था. उप मुख्ख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनका प्रभार- समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण देख रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है.
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