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हरकत में आई दिल्ली सरकार, छोटी निर्भया की मदद को आगे बढ़े हाथ

दिल्ली सरकार ने क्विंट की पहल पर छोटी निर्भया की मदद करने का वायदा किया है. केंद्र सरकार भी उसकी मदद को तैयार हुई है.

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चार साल की रेप पीड़िता ‘छोटी निर्भया’ के लिए पिछले लगभग तीन सप्ताह से चलाए जा रहे क्विंट के फंडरेजिंग कैंपेन को देखते हुए दिल्ली सरकार और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पीड़िता के परिवार को आर्थिक सहायता देने का वादा किया है.

छोटी निर्भया के परिवार की जान-पहचान वाले एक व्यक्ति ने उसके साथ रेप किया था. उसके बाद से बच्ची दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है और उसकी कई बार सर्जरी की जा चुकी है. उसके परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा है कि भले ही बच्ची बच गई है, लेकिन अब वह कभी मां नहीं बन सकेगी.

छोटी निर्भया के पिता और दादा दिहाड़ी मजदूर हैं और इतना भी नहीं कमा पाते की 9 लोगों के परिवार का ठीक से पेट भर सकें. कमजोर आर्थिक हालात की वजह से यह परिवार सरकार से कुछ मदद पाने के लिए यहां-वहां भटक रहा है.

आखिरकार दिल्ली सरकार ने द क्विंट की खबरों को संज्ञान में लिया और स्टेट सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट को जल्द से जल्द छोटी निर्भया का केस देखने और उसके परिवार की मदद करने के निर्देश दिया.

बच्ची की हालत बेहद ही खराब लग रही है. हमने इस मामले को सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के सुपुर्द कर दिया है और उनसे बच्ची के स्वास्थ्य और परिवार की आर्थिक हालत पर पूरी रिपोर्ट देने को कहा है.

— प्रवक्ता, दिल्ली सरकार

अब छोटी निर्भया के परिवार को उम्मीद बंधी है कि दिल्ली सरकार कम से कम बच्ची की शिक्षा के लिए पैसे की व्यवस्था कर सकती है, ताकि वह आगे चलकर एक सम्मानित जीवन जी सके.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी द क्विंट से वादा किया है कि उनका मंत्रालय छोटी निर्भया की मदद करने की कोशिश करेगा.

हमारे पास ऐसे मामलों के लिए पैसे नहीं होते हैं, जो कि बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. फिर भी हम बच्ची और उसके परिवार के लिए प्रधानमंत्री फंड से आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे.

वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

छोटी निर्भया की शारीरिक हालत भी कुछ-कुछ निर्भया जैसी ही है. निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में गैंगरेप हुआ था और चोटों के चलते उसकी मौत हो गई थी. निर्भया के परिजन भी छोटी निर्भया की मदद के लिए अपील कर रहे हैं.

जब यह घटना हुई थी तब आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय पाण्डेय और संजय सिंह के साथ-साथ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी पीड़िता से मिलने अस्पताल गई थीं. बच्ची को देखने के बाद मालिवाल ने तो अपने ट्वीट में ‘भयानक’ भी लिखा था.

मीडिया ने भी कुछ दिनों तक इस स्टोरी को अपनी खबरों में प्रमुखता से जगह दी, लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक और शर्मनाक बात तो यह रही कि बाद में किसी ने भी दोबारा बच्ची के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई.

द क्विंट अभी भी छोटी निर्भया के लिए चलाए जा रहे अपने अभियान के प्रति समर्पित है.

BitGiving के साथ मिलकर द क्विंट ने छोटी निर्भया के लिए फंड जमा करने का अभियान चलाया है. छोटी निर्भया की मदद करने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं.

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