दिल्ली के लग्जरी हॉस्पिटल मैक्स की गंभीर लापरवाही हर किसी को झकझोर सकती है. हॉस्पिटल पर आरोप है कि उसने जिंदा नवजात को मृत घोषित कर दिया और शव परिवार वालों को दे दिया. अंतिम संस्कार के वक्त परिवार वालों ने जब बच्चे में हरकत देखी तो चौंक गए. परिवार वालों के लिए ये देखकर बहुत खुशी हुई, लेकिन हॉस्पिटल ने जो किया उससे वो अभी तक हैरान हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव से बात की है.
परिवार ने हॉस्पिटल के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट की है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये बहुत गंभीर लापरवाही का मामला है और मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने कहा
हम इस घटना से औचक हैं. ये लापरवाही की इंतेहा है. हमने जांच शुरू कर दी है और कानूनी जानकारों से सलाह कर रहे हैं. दिल्ली मेडिकल काउंसिल भी तमाम पहलुओं को देख रही है. दिल्ली पुलिस इन तमाम बातों पर गौर करेगी और कठोर कार्रवाई करेगी.दीपेंद्र पाठक, प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस
जिंदा बच्चे को मृत बता दिया
मामला 30 नवंबर का है. दिल्ली में शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल में सुबह दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. लेकिन कुछ देर बाद ही हॉस्पिटल ने एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया. लेकिन अंतिम संस्कार के ऐन पहले परिवार के लोगों को महसूस हुआ कि बच्चा जीवित है.
परिवार के मुताबिक वो पूरी घटना के बारे में हॉस्पिटल की लापरवाही के बारे में याद करके हैरान हैं. परिवार को बच्चा एक प्लास्टिक बैग में दिया गया था. परिवार को जैसे ही अहसास हुआ कि बच्चा जिंदा है वो उसे फौरन पास के हॉस्पिटल में ले गए जहां बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है.
मैक्स हॉस्पिटल ने अपनी सफाई में कहा
“हमें बताया गया है कि 22 हफ्ते के प्री-मैच्योर जुड़वा बच्चों ने हॉस्पिटल में जन्म लिया. हमें बताया गया है कि एक बच्चा लाइफ सपोर्ट पर था और मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में जब जीवित होने के संकेत नहीं दिखे तो उन्हें परिवार को सौंप दिया गया. 30 नवंबर की सुबह इन जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था. दूसरा बच्चा मृत ही जन्मा था. हम परेशान है और इस घटना से बेहद चिंतित हैं. हमने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है. जब तक जांच शुरू नहीं हो जाती तब तक संबंधित डॉक्टर को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया गया है. हम लगातार परिवार के संपर्क में हैं और उन्हें हर जरूरी मदद कर रहे हैं”
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