ADVERTISEMENTREMOVE AD

केजरीवाल सरकार के लिए झटका,NCT बिल को मिली राष्ट्रपति से मंजूरी

विरोध के बीच 22 मार्च को लोकसभा से पास हुआ था बिल NCT बिल

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक 2021 (NCT) को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है. इस कानून में दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की तुलना में अधिक अधिकार दिए गए हैं. दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार इस कानून का विरोध कर रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तमाम विरोध के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) 22 मार्च को लोकसभा से पारित हो गया था. इस बिल को केंद्र सरकार 15 मार्च को लेकर आई थी, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री की तुलना में अधिक शक्तियां दी गई हैं

NCT बिल में जिस लाइन पर सबसे ज्यादा विवाद हुआ और आम आदमी पार्टी ने जिसे सीधे लोकतांत्रिक तौर पर चुनी हुई सरकार पर हमला बताया वो है- “राज्य की विधानसभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा.”

"कोई भी मामला जो विधानसभा की शक्तियों के दायरे से बाहर है", उसमें एलजी की मंजूरी लेनी होगी. इसका सीधा मतलब है कि उपराज्यपाल को अब एडिशनल कैटेगरी के बिलों पर रोक लगाने की शक्ति और अधिकार दिया गया है. यहां एलजी की शक्तियों को बढ़ाने का काम किया गया है.

केजरीवाल सरकार को झटका

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून बन गया है और दिल्ली सरकार के लिए बड़ा झटका है.

आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार लगातार इस विधेयक का विरोध करती आई थी. आम आदमी पार्टी ने इस बिल के जरिए केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार के प्रशासनिक अधिकारों में दखल देने की बात कही है. दिल्ली सरकार ने इस बिल के 1991 एक्ट के सेक्शन 21,24,33 और 44 पर आपत्ति जताई है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, अगर दिल्ली से जुड़े सभी फैसलों के लिए उपराज्यपाल की अनुमति लेनी होगी, तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार क्या करेगी? यह विधेयक उन लोगों से शक्तियां छीनता है जिन्हें लोगों ने वोट दिया था और जो लोग पराजित हुए थे, उन्हें दिल्ली को चलाने के लिए शक्तियां देगा. बीजेपी ने लोगों को धोखा दिया है.”

वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि, यह बिल सुप्रीम कोर्ट की बेंच के आदेश के खिलाफ है. अगर केंद्र खुद ही दिल्ली पर शासन करना चाहता है तो चुनाव कराने और दिल्ली में चुनी हुई सरकार का क्या मतलब है? केंद्र लोकतांत्रिक होने का ढोंग क्यों करता है?

सदन में केंद्र सरकार की सफाई

लोकसभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक 2021 (GNCTD) के पास होने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और बिल को अलोकतांत्रिक बताया था.

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बिल पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि, बिल में संशोधन का उद्देश्य मूल विधेयक में जो अस्पष्टता है उसे दूर करना है. इस विधेयक को किसी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लाया गया है, इसे पूरी तरह से तकनीकी आधार पर लगाया गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×