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ऑड-ईवन के कड़े टेस्‍ट में पास हुई दिल्‍ली, आशंकाएं ‘बेकार’

आशंकाओं के उलट सोमवार को दिल्ली की ट्रैफिक व्‍यवस्‍था किसी बड़ी समस्या का शिकार नहीं हुई.

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ऐसा लगता है कि दिल्‍ली ने ऑड-ईवन फॉर्मूले को अपनाने का पूरा मन बना लिया है. सभी की निगाहें सोमवार पर टिकी थीं कि आखिर ज्‍यादा व्‍यस्‍तता वाले दिन इस फॉर्मूले की वजह से कहीं कोई बड़ी समस्‍या तो नहीं आएगी. पर शंकाओं के उलट इस दिन दिल्ली की ट्रैफिक व्‍यवस्‍था किसी बड़ी समस्या का शिकार नहीं हुई.

करीब 600 लोगों से वसूला गया जुर्माना

माना जा रहा था कि दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के मकसद से शुरू की गई इस योजना की पहली परीक्षा सोमवार को होगी, क्योंकि नया साल शुरू होने के बाद सोमवार पहला कार्य दिवस था. लेकिन दिल्ली इस परीक्षा में कुल मिलाकर पास रही.

नए नियम का पालन न करने वाले लोगों का चालाना काटा गया. सोमवार शाम 6 बजे तक करीब 600 लोगों से जुर्माना वसूला गया.

इस बारे में दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा,

हमें खुशी है कि लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. अनुमान और संदेह जताए जा रहे थे कि सोमवार को जब दफ्तर खुलेंगे, तब क्या होगा. कुछ लोगों को डर था कि आज सार्वजनिक परिवहन में भीड़ ही भीड़ दिखेगी या चालक नियम तोड़ते दिखेंगे. लेकिन हमें ऐसा कुछ नहीं दिखा.

गोपाल राय, परिवहन मंत्री

गोपाल राय दिल्ली सचिवालय पर बस में सवार हुए और दिल्ली गेट, कनाट प्लेस, पटेल चौक और आईटीओ होते हुए वापस दिल्ली सचिवालय पहुंचे. परिवहन मंत्री ने पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर कुछ मुसाफिरों से बात की और उनसे पूछा कि किसी तरह की दिक्कत तो नहीं आ रही है.

राय ने कहा, “लोगों से मिली जानकारी के आधार पर मैं कह सकता हूं कि लोगों को अभी तक कोई दिक्कत नहीं पेश आई है.”

1 जनवरी से ही लागू है फॉर्मूला

15 दिवसीय ऑड-ईवन नंबर फॉर्मूले पर दिल्ली में पहली जनवरी से अमल किया जा रहा है. इसके तहत ऑड और ईवन नंबर की कारें एक-एक दिन के अंतराल पर चल रही हैं. मकसद सड़क पर कारों की संख्या कम कर जानलेवा प्रदूषण को घटाना है.

योजना पर सुबह 8 से रात 8 बजे तक अमल होता है. रविवार को योजना लागू नहीं होती. कुछ श्रेणियों के लोगों को इससे छूट दी गई है.

हालांकि, सोमवार को ऑड नंबर की कई गाड़ियां दिखीं लेकिन कुल मिलाकर सुबह के समय सड़क पर गाड़ियां कम दिखीं.

दिल्‍ली मेट्रो ने भी एक बयान जारी कर कहा कि साल के पहले सोमवार को सभी लाइनों पर भारी भीड़ को ठीक तरीके से नियंत्रित करने में कामयाबी मिली.

मेट्रो से रोजाना सफर करने वालों ने भी कहा कि कोई बहुत ज्यादा भीड़ मेट्रो में नहीं है. चांदनी चौक से नोएडा सिटी सेंटर तक की लंबी दूरी मेट्रो से तय करने वाले अदनान अली ने कहा,

मेट्रो में रोजाना के मुकाबले कुछ ज्यादा लोग थे, लेकिन वैसी भीड़ नहीं थी, जिसके होने के बारे में मैं सोच रहा था.

अदनान अली, मेट्रो यात्री

लेकिन, सिर्फ चार डिब्बों वाली मेट्रो की वायलेट लाइन पर कहानी कुछ और दिखी. नेहरू प्लेस में एक निजी फर्म में काम करने वाली श्वेता आर्या ने कहा,

मंडी हाऊस पर बहुत ज्यादा भीड़ थी. ट्रेन में दाखिल होने के लिए बहुत धक्के खाने पड़े. लोगों ने पीछे से धक्का दिया, मैं करीब-करीब गिर ही पड़ी थी.

श्वेता आर्या, मेट्रो यात्री

बहरहाल, आने वाले कुछ दिनों तक अगर यह फॉर्मूला कामयाब रहता है, तो इससे दिल्‍ली ही नहीं, देश के दूसरे महानगरों को भी नई दिशा मिल सकती है.

-इनपुट IANS से

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