कोरोनावायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन है. लेकिन इस तालाबंदी की मार सबसे ज्यादा उन लोगों पर पड़ी है, जिन्हें रोज काम पर निकलने के बाद ही पेट भरने के लिए पैसे मिलते थे. यानी दिहाड़ी मजदूर और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो चुका है. ऐसे में सरकारों के अलावा कई लोग भी गरीबों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस भी ऐसे लोगों के साथ मिलकर गरीबों के घर खाना पहुंचाने का काम कर रही है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से कई जगह झुग्गी-झोपड़ियों में खाना पहुंचाने का काम किया गया. पुलिस के अलावा भी कुछ लोग हैं, जिन्होंने गरीबों का पेट भरने की जिम्मेदारी उठाई है. द्वारका इलाके में कई लोग इस मुहिम का हिस्सा बन रहे हैं.
क्या है तरीका?
दरअसल लोगों ने अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बनाए हैं. जिनमें किसी भी जरूरतमंद को खाना देने की बात शेयर की जा रही हैं. ये बात कई दूसरे लोगों तक वॉट्सऐप के जरिए पहुंचाई जा रही है. कहा जा रहा है कि अगर आपको कोई जरूरतमंद परिवार दिखे तो तुरंत हमें बताएं, हम उनकी सहायता करेंगे. अब आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में जो इस काम को अंजाम दे रहे हैं.
लॉकडाउन के बाद शुरू किया मोबाइल लंगर
दिल्ली के द्वारका इलाके में गुरप्रीत सिंह पिछले दो दिनों से मोबाइल लंगर चला रहे हैं. उनके दो दोस्त दीपक कपूर और मनमीत सिंह वालिया भी इस काम में उनके साथ हैं. सभी बिजनेसमैन हैं. गुरप्रीत से बात करने पर उन्होंने बताया कि जो लोग लेबरिंग का काम करते हैं, जिनके पास कमाई का कोई भी साधन नहीं बचा है, उनके लिए हमने ये मोबाइल लंगर शुरू किया है. हम लोग द्वारका सेक्टर 3, राजापुरी, द्वारका मोड़ से लेकर नजफगढ़ रोड तक जाते हैं. रास्ते में गाय, आवारा कुत्ते जैसे जानवरों को भी रोटी दे रहे हैं. उन्होंने बताया,
“मजदूरों के लिए रोटी सब्जी और दाल की व्यवस्था की गई है. आटा मिलने में भी दिक्कत हो रही है. इसीलिए अब गुरुद्वारा साहब में खाना बनाने की व्यवस्था की गई है. हमने कर्फ्यू पास बनाकर ये सर्विस शुरू की है. इसमें सुबह 7 बजे निकलकर रात तक का खाना दिया जाता है. हम फिलहाल 1 हजार रोटी लेकर निकल रहे हैं.”गुरप्रीत सिंह, द्वारका
जरूरतमंदों को आटा-चावल
प्रताप सिंह शेखावत ने द्वारका सेक्टर तीन में जरूरतमंदों के लिए एक खास सर्विस शुरू की है. उन्होंने फेसबुक और वॉट्सऐप के जरिए ऐसे गरीबों को उनके पास भेजने की अपील की है, जिन्हें खाना नहीं मिल पा रहा. प्रताप सेक्टर तीन में अपनी एक परचून की दुकान चलाते हैं. उन्होंने हमें बताया,
"हमने करीब 10 लोगों के साथ मिलकर गरीबों की मदद के लिए उन्हें राशन देने की पहल की है. अगर कोई भूखा है तो वो हमारे पास आकर आटा, चावल या सब्जी ले सकता है. हम पुलिस के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं. सभी लोग अलग-अलग वक्त में इस सेवा के लिए ड्यूटी देते हैं."
इन लोगों के अलावा भी कुछ विधायक, पार्षद और अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी गरीबों को खाना दे रहे हैं. इसके लिए उन्होंने वॉट्सऐप फेसबुक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और इलाके में इसे फैलाने का काम कर रहे हैं.
युवाओं के एक संगठन युवा-हल्लाबोल ने भी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कई जगहों पर मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करनी शुरू की है. इसके लिए युवा-हल्लाबोल ने अपना हेल्पलाईन नंबर जारी करके लोगों से 9810408888 पर कॉल करने को कहा है.
दिल्ली पुलिस भी आई सामने
गरीबों और बेसहारा लोगों से अगर किसी का सबसे ज्यादा सामना होता है तो वो है पुलिस, पुलिसकर्मी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के हर इलाके में तैनात हैं. ऐसे में उन्हें ये भी पता है कि कहां किसे क्या परेशानी हो रही है. इसीलिए दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारियों की तरफ से भी मदद के हाथ बढ़ाए जा रहे हैं.
हमारे पास दिल्ली पुलिस की तरफ से कुछ तस्वीरें आईं, जिनमें राजौरी गार्डन इलाके के एसएचओ खुद गरीबो के बीच जाकर उन्हें खाना देते दिख रहे हैं. वहीं कालकाजी इलाके से भी ऐसी ही तस्वीरें दिखीं. यहां एसीपी कालकाजी और एसएचओ ने सिपाहियों के साथ मिलकर खाने के पैकेट बांटे. इन तस्वीरों को देखने के बाद हमने दिल्ली पुलिस के पीआरओ से बात की. जिसमें उन्होंने बताया,
“दिल्ली पुलिस की तरफ से राजधानी के कई इलाकों में ऐसे काम किए जा रहे हैं. जो लोग जरूरतमंद हैं उन्हें पुलिस अधिकारी खुद खाने का सामान मुहैया करवा रहे हैं. इसके अलावा जो लोग ऐसे काम कर रहे हैं पुलिस उनकी भी मदद कर रही है.”अनिल मित्तल, दिल्ली पुलिस पीआरओ
द्वारका इलाके के डीसीपी एंटो एल्फोंस से बात करने पर उन्होंने बताया कि पुलिस लगातार ऐसे लोगों के साथ मिलकर और कुछ एनजीओ के साथ मिलकर गरीबों तक जरूरत का सामान पहुंचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को इस वक्त गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. ऐसे लोगों को कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं.
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