दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प का मामला गरमाता जा रहा है. वकीलों की तरफ से की गई मारपीट के विरोध में दिल्ली पुलिस के जवान मंगलवार सुबह से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की मौजूदगी में ही पुलिसकर्मियों ने किरण बेदी के नारे लगाए. इससे दिखता है कि पुलिसकर्मी अपने ही डिपार्टमेंट के सीनियर्स से नाराज हैं.
दूसरी तरफ दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकील भी हड़ताल पर हैं. दिल्ली पुलिस के जवान और वकील दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, यहां जानिए-
- दिल्ली के आईटीओ में स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों पुलिसकर्मी काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच ज्वाइंट पुलिस कमीश्नर राजेश खुराना भी प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे. उन्होंने कहा, 'हमारा काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. इसलिए हमें अपने काम को जारी रखना चाहिए.'
- पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने भी जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की, लेकिन प्रदर्शन फिर भी जारी है. कमिश्नर पटनायक ने गुस्साए पुलिसकर्मियों को भरोसा दिलाया कि आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी.
- पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की मौजूदगी में पुलिसकर्मियों ने किरण बेदी के नारे भी लगाए. उन्होंने कहा- ‘हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’. पुलिसवालों ने कुछ बैनर भी हाथ में लिए थे, जिनमें लिखा था- हमें किरण बेदी जैसे लीडर की जरूरत है एक कमजोर लीडर की नहीं.
- बिहार पुलिस एसोसिएशन ने दिल्ली पुलिस के हर पीड़ित पुलिसकर्मी का समर्थन करने की बात की है. साथ ही बिहार पुलिस एसोसिएशन ने मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है.
- आमतौर पर पुलिस लोगों की मदद करती है, लेकिन इस मामले में खुद पुलिस वाले मदद मांग रहे हैं. उनका कहना है कि हम डर के साए में जी रहे हैं.
- प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया कि उन्हें वर्दी में देखकर वकील उन पर हमला कर रहे हैं. डर के मारे वो सरकारी जूते और मोजे तक नहीं पहन पा रहे हैं.
- इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि राजधानी में पुलिस का सड़कों पर प्रदर्शन करना भारत के लिए आजादी के 72 सालों में एक ‘नई गिरावट’ है.
- कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि क्या ये है बीजेपी का ‘नया भारत’. उन्होंने पूछा, 'बीजेपी देश को कहां ले जाएगी? भारत के गृह मंत्री श्रीमान अमित शाह कहां हैं?'
- तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसा पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है.
- वहीं इसी मामले को लेकर वकील भी भी हड़ताल पर हैं. वकील किसी भी कोर्ट में जज के सामने न खुद पेश हो रहे हैं और न ही मुवक्किल को पेश होने दे रहे हैं. वकीलों की मांग है कि कोर्ट में हमला करने वाले पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
बता दें, 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट के परिसर में पार्किंग को लेकर एक वकील और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच मामूली बहस हो गई, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया. इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई. पुलिस ने दावा किया, "एक अतिरिक्त डीसीपी और दो एसएचओ सहित बीस पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं. आठ वकीलों को भी चोट लगीं. 12 मोटरसाइकिलें, एक पुलिस क्यूआरटी जिप्सी और आठ जेल वैन क्षतिग्रस्त हो गए."
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