ग्रीन पटाखे क्या हरे पैकेज वाले पटाखों को कहा जाता है? दिवाली सिर पर है और दुकानदारों के साथ लोगों को भी ग्रीन पटाखों के बारे में कुछ इसी तरह का कंफ्यूजन है.
गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने बैठक बुलाई और ऐलान कर दिया कि अगले कुछ दिन में ग्रीन पटाखे मार्केट में आ जाएंगे.
वैसे तो इस बैठक में हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों को भी बुलाया गया था लेकिन सिर्फ दिल्ली के ही पर्यावरण मंत्री बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे.
दिवाली से पहले आएंगे ग्रीन पटाखे
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों से अपील है कि इस दीपावली पर कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का इस्तेमाल किया जाए. मंत्री जी ने साफ कहा है कि अगले 10 दिन तक प्रदूषण में राहत मिलती नहीं दिखाई पड़ती.
अक्सर देखा गया है कि दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो जाता है. लोगों से हमेशा कम पटाखे जलाने की अपील होती है लेकिन कोई असर नहीं पड़ता. ऐसे में सरकार ने जागरुकता के तहत ‘ग्रीन पटाखे’ लॉन्च करने का भी फैसला किया है. इस दिवाली से पहले कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखे मार्केट में आ जाएंगे.
साथ ही हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली में सड़कों पर धूल की सफाई के लिए 40 से ज्यादा मैकेनाइज्ड मशीनों का इस्तेमाल करके सफाई की जा रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 44 टीमें दिल्ली में और 8 टीमें NCR गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेंगी. अगले 10 दिन तक बड़े पैमाने पर पर्यावरण नियमों को लेकर सख्ती की जाएगी. आज से 71 और टीमें निगरानी के लिए भेजे जाएंगी, पंजाब और हरियाणा को कहा गया है पराली जलाने पर रोक लगाएं.
पेड़ों पर होगा छिड़काव और मेट्रो के बढ़ेंगे चक्कर
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता देख अब नई दिल्ली इलाके में NDMC ने एक पहल की है. इस पहल के तहत पेड़ों पर पानी छिड़का जा रहा है, ताकि उनपर जमी धूल हटाई जा सके और शुद्ध हवा की सप्लाई हो. साथ ही राजधानी में प्रदूषण की बढ़ती चिंता को देखते हुए मेट्रो के चक्करों को बढ़ा दिया गया है. दिल्ली मेट्रो ने नई 21 ट्रेनों को चलाया है, इसके तहत करीब 812 फेरे ज्यादा लगाए जाएंगे ताकि लोग प्राइवेट वाहन छोड़कर ज्यादा से ज्यादा मेट्रो का इस्तेमाल करें.
सुप्रीम कोर्ट में भी हुई सुनवाई
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी गुरूवार को सुनवाई हुई. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक फेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट भी बनाया गया है. वहां पर लोग प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें कर सकते हैं. साथ ही दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को डी-रजिस्टर कर दिया गया है.
हरियाणा-पंजाब में जल रही पराली: केजरीवाल
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए जलती पराली को काफी हद तक जिम्मेदार माना जाता है. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि, “पंजाब और हरियाणा की सरकारें गलत दावा कर रही हैं कि उनके राज्यों में पराली नहीं जलाई जा रही है. सैटेलाइट की तस्वीरों में साफ है कि पराली जल रही है, खासकर पंजाब में. मैं अपील करता हूं कि राजनेता गैरजिम्मेदाराना बयान न दें और आगे बढ़कर मदद करें”
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