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दिल्लीः पार्किंग चार्ज तो बढ़ जाएगा, मेट्रो का किराया कब कम होगा?

पॉल्यूशन और ट्रैफिक कम करने को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की बात होती है, तो फिर मेट्रो का किराया महंगा क्यों

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भारत
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दिल्ली में धुंध छाई और जहरीली हवा का खौफ पसर गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एयर क्वालिटी को खराब बताया तो सरकार भी सक्रिय हो गई. बढ़ते खतरे को देखते हुए आनन-फानन में पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) ने भी इस मुश्किल से निपटने के लिए उपायों पर अमल की सिफारिश की.

इन उपायों में दिल्ली-एनसीआर में पार्किंग चार्ज को चार गुना बढ़ाना और कम व्यस्त घंटों में मेट्रो का किराया घटाना भी शामिल है. अगर ईपीसीए के बताए उपाय पर अमल हुआ तो पार्किंग शुल्क तो बढ़ा दिया जाएगा. लेकिन देखना ये है कि सड़कों से वाहनों को कम करने के लिए क्या हाल ही में बढ़ा मेट्रो का किराया कम होगा?

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पहले मेट्रो महंगी हुई और अब पार्किंग का नंबर

बीती दस अक्टूबर को दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ा दिया गया. एक साल में दो बार हुई बढ़ोतरी के साथ मेट्रो का सफर और भी महंगा हो गया. धक्का-मुक्की से जूझते मुसाफिरों का मेट्रो से मोह भंग हो गया. जो लोग अपने वाहनों को पार्किंग में खड़ा कर मेट्रो का सफर करते थे, वो वापस अपने वाहनों पर आ गए. लिहाजा, सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ गया.

दुनियाभर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पॉल्यूशन और ट्रैफिक कम करने के लिए बढ़ावा दिया जाता है. लेकिन दिल्ली मेट्रो के महंगे हुए सफर ने परेशान पब्लिक को अपने वाहन सड़कों पर निकालने को मजबूर कर दिया. पांच महीने में दिल्ली मेट्रो के किराये में करीब दोगुनी बढ़ोतरी हुई. ऐसे में लोगों को बाइक और कार का सफर सस्ता पड़ने लगा है.

दिल्ली हवा जहरीली होने में सड़कों पर बढ़े इस ट्रैफिक का भी योगदान है. लेकिन पब्लिक की परेशानी अभी भी कम नहीं हुई है. क्योंकि, मेट्रो के सफर पर बढ़ी महंगाई से निजी वाहनों पर शिफ्ट हुई पब्लिक के लिए अब पार्किंग भी महंगी होने जा रही है.

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मेट्रो का सफर महंगा, पेट्रोल महंगा, पार्किंग महंगी, पब्लिक जाए तो जाए कहां?

कमाई के मामले में दिल्ली भले ही पीछे हो लेकिन ट्रांसपोर्ट खर्च के मामले में काफी आगे है. मेट्रो के महंगे सफर ने मीडियम क्लास तक को परेशान कर दिया है. ऐसे में उन लोगों की हालत क्या होगी, जिनकी आमदनी 8-15 हजार रुपये के आसपास है. ऐसे लोगों की कमाई का कम से कम आधा हिस्सा तो दफ्तर आने-जाने में ही खर्च हो रहा है.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती-घटती कीमतों से पब्लिक पहले ही परेशान है. डेली प्राइस रिवाइजिंग सिस्टम के तहत दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 69.8 रुपए प्रति लीटर रही. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें जल्दी ही बढ़ सकती हैं. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बीते दो साल के उच्चतम स्तर पर हैं. अगर ऐसा होता है तो लोगों को पेट्रोल-डीजल पर एक और महंगाई का झटका झेलना पड़ सकता है.

महंगाई की मार से त्रस्त पब्लिक पर अब पार्किंग का भी अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है. अगर एनसीईपी की सिफारिशों पर अमल होता है, तो दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में वाहनों की पार्किंग पर लगने वाले चार्ज को चार गुना बढ़ा दिया जाएगा. ऐसे में महंगाई की मारी पब्लिक आखिर जाए तो जाए कहां?

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