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दिल्ली: मिंटो ब्रिज पर कुंदन की जान जिससे गई, मौत के बाद वही शुरू

रविवार को हुई बारिश में डूबकर एक ऑटो ड्राइवर की मौत हो गई, देश की राजधानी की पोल एक बारिश ने कैसे खोल दी

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'दिल्ली एमसीडी आपके पास है', 'आपके पास भी तो पीडब्ल्यूडी है'- ये जिम्मेदारी एक दूसरे पर लादने की लड़ाई दिल्ली बीजेपी और आम आदमी पार्टी की पहले से चली आ रही है, अब भी बदस्तूर जारी है. इस बीच 19 जुलाई को देश की राजधानी में तेज बारिश क्या आई, सुविधाओं-इंतजाम की पोल खुल गई.

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'ऑटो ड्राइवर' कुंदन को न तो ये बीजेपी के नेता और न तो ये आम आदमी पार्टी के नेता जानते होंगे, उनकी रविवार को हुई बारिश में मिंटो ब्रिज के नीचे जमा पानी में डूबने से मौत हो गई. मिंटो ब्रिज के इसी अंडरपास में एक डीटीसी बस भी फंस गई, ऐसा नहीं है कि मिंटो ब्रिज के नीचे पानी जमा होने की ये पहली घटना है. हर साल यही तस्वीर आती है, बस डूब गई, ऑटो डूब गया. लेकिन हर साल बारिश का मौसम खत्म होने के बाद अगली बारिश का और अगली तस्वीर का इंतजार होने लगता है लेकिन पानी के इस जमाव को खत्म करने की व्यवस्था हमारी दिल्ली सरकार या एमसीडी से नहीं हो पाती. दिल्ली हाईकोर्ट साल दर साल की इस मुसीबत को लेकर दिल्ली-केंद्र सरकारों को फटकार लगा चुका है.

रोजी-रोटी के लिए उत्तराखंड से दिल्ली आए थे कुंदन

56 साल के कुंदन मार्च में लॉकडाउन से पहले उत्तराखंड से आए थे, टेंपो ही उनका आशियाना था. न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में कुंदन का परिवार ये सवाल करता है-, “यह कोई गांव का इलाका नहीं था, यह कोई गांव या मुफस्सल नहीं था। यह दिल्ली थी, जहां उसका टेंपो उसकी कब्रगाह बन गया.”

उनके परिवार एक सदस्य ने बताया, , "अब उसकी 21 और 12 साल की बेटियां उसे कभी नहीं देख पाएंगी. पिथौड़ागढ़ निवासी कुंदन दिल्ली पैसे कमाने आया था और अपने रिश्तेदार का टेंपो चलाता था."

मृतक के रिश्तेदार प्रीतम सिंह ने कहा, "यह पहली बार नहीं है कि मिंटो ब्रिज अंडरपास में पानी जमा हो गया. प्रशासन, सरकार कोई भी कदम उठाने में विफल रही.नतीजा यह हुआ कि कुंदन मारा गया। अब उसकी दो बेटियों को कौन देखेगा, जिसमें से एक की उम्र विवाह के लायक है."

बदहाली की कुछ तस्वीरें दिल्ली से और आ रही हैं, पानी के तेज बहाव से टूटते हुए घरों का वीडियो वायरल हो रहा है, ये भी रविवार की बारिश का ही नतीजा है.

बीजेपी Vs AAP वहीं कहानी जारी है

इस बीच दिल्ली से जो तस्वीरें आ रही हैं, उसपर हर बार की तरह पार्टियां एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश में हैं. हालांकि, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने जरूर कहा है कि ये राजनीति करने का वक्त नहीं है, लेकिन ये तो बयान है. इसे बयान की ही तरह लिया जाना चाहिए.

AAP सांसद संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली में नालों की जिम्मेदारी 3 एजेंसियों MCD, PWD और DJB की है. इसमें भी सबसे अधिक जिम्मेदारी MCD की है. अचानक से इतनी बारिश हो जाएगी इसका अंदाजा किसी को भी नहीं होगा. संजय सिंह भी कहते हैं कि जहां चूक हुई उसको सुधारा जाना चाहिए.ये वक्त आरोप प्रत्यारोप का नहीं. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि

इस साल सभी एजेंसियां, चाहे वो दिल्ली सरकार की हो या MCD की, कोरोना नियंत्रण में लगी हुई थी. करोना की वजह से उन्हें कई कठिनाइयां आयीं. ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है. सबको मिल कर अपनी जिम्मेदारियां निभानी है. जहां जहां पानी भरेगा, हम उसे तुरंत निकालने का प्रयास करेंगे.

बीजेपी सांसद गौतम गंभीर इस मौके पर कटाक्ष करने से पीछे नहीं रहे, वो ट्विटर पर लिखते हैं-

मुख्यमंत्री जी, आज लोगों को बता ही दीजिये -दिल्ली सरकार के अंतर्गत क्या क्या आता है विज्ञापन विभाग के इलावा? 6 साल हो गए Centre और MCD का नाम जपते जपते!

बीजेपी की तरफ से एक ट्वीट में लिखा गया है कि केजरीवाल ने दिल्ली को लंदन बनाने का वादा किया था लेकिन मॉनसून में वेनिस शहर के दर्शन जरूर हो जाते हैं.

कुल मिलाकर कुछ घर पानी में बह गए, एक प्रवासी ऑटो ड्राइवर ने जान गंवा दी है और अभी दिल्ली में एक दिन ही जमकर बारिश हुई है.

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