दिल्ली के ओल्ड नांगल में नौ साल की बच्ची के कथित बलात्कार और हत्या की जांच चल रही है. इसी बीच 2012 में दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या की शिकार निर्भया की मां ने गुरुवार 5 अगस्त को परिवार से मुलाकात करने बाद उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने कथित तौर पर पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की है.
इसमें कुछ पुलिस अधिकारी शामिल हैं, उन्होंने लड़की के पिता की पिटाई की, मां को बंदी बना लिया और उन पर दबाव बनाने की कोशिश की. मैं दिल्ली पुलिस आयुक्त से इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं.आशा देवी
पुलिसकर्मियों से की जाए पूछताछ- निर्भया की मां
उन्होंने कहा अगर पीड़िता की मां जो कह रही है वह सच है, और पुलिसकर्मी इसमें शामिल हैं, तो उनसे पूछताछ की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी पुलिसकर्मी ऐसी हरकत न करे.
9 साल की लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और परिवार द्वारा आपत्तियों के बावजूद आरोपी द्वारा कथित रूप से दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में एक श्मशान में जबरन अंतिम संस्कार किया गया. उसके बाद श्मशान के एक पुजारी और तीन कर्मचारियों की 2 अगस्त को गिरफ्तारी हुई थी.
आरोपियों की पहचान श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम और कुलदीप कुमार (63), लक्ष्मी नारायण (48) और मोहम्मद सलीम (49) के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर लड़की से परिचित थे.
'कब सख्त होंगे कानून? कब बदलेगी मानसिकता?'
हालांकि पोस्टमार्टम में अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि बच्ची के साथ रेप हुआ है, वहीं आरोपियों ने दावा किया है कि श्मशान घाट में कूलर से पानी लेने के दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई. इसे लेकर आशा देवी ने कहा,
यह न तो पहला मामला है और न ही आखिरी. जब भी इस प्रकार की घटना होती है, हम टीवी चैनलों पर बहस करते हैं और मोमबत्ती जलाते हैं. जब भी सरकारी अधिकारी आते हैं तो वे कहते हैं कि कानूनों को मजबूत करने और समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत है. आप कब कानूनों को और सख्त बनाएंगे? कब बदलेगी लोगों की मानसिकता?आशा देवी
उन्होंने आगे कहा कि, मेरा मानना है कि मानसिकता तभी बदलेगी जब ऐसे अपराधियों को फांसी दी जाएगी. कानूनों को सख्त बनाने की बात हो रही है लेकिन अगर हम वास्तव में चाहते हैं कि देश में बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस करें, तो सरकार को सख्त होने की जरूरत है. और संबंधित आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए. कानून त्रुटिपूर्ण नहीं है, इसे लागू करने वाले हैं.
मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से कराने की मांग करते हुए आशा देवी ने कहा कि, मैं सरकार से पीड़ित परिवार की मदद करने का अनुरोध करती हूं और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत है ताकि न तो पुलिस वाले और न ही आरोपी उन पर दबाव बनाने की कोशिश करें. अगर सरकार और पुलिस ने उनका साथ दिया होता तो आज हमें सड़कों पर नहीं उतरना पड़ता. केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए कि एक बच्चे की मौत हो गई है.
फिलहाल कहां तक पहुंची जांच
पुलिस के सूत्रों ने पहले द क्विंट को बताया था कि आरोपी पुजारी लड़की के परिवार को जानता था और अक्सर उन्हें खाना खिलाता था.
परिवार को आरोपियों ने लड़की की मौत के बारे में सूचित और उन्हें कथित तौर पर पुलिस को बताए बिना लड़की का दाह संस्कार करने के लिए मनाने की कोशिश की. उन्होंने परिवार से कहा कि अगर पुलिस मामला दर्ज करती है तो डॉक्टर लड़की के अंगों को चुरा लेंगे.
हालांकि, लड़की की मां का दावा है कि आरोपी द्वारा हत्या करने से पहले लड़की के साथ बलात्कार किया गया होगा.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था कि मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है क्योंकि दाह संस्कार के दौरान लड़की का अधिकांश शरीर जल गया था.
पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
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