नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद को कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने कहा कि खालिद को सिर्फ इसलिए जेल में नहीं रखा जा सकता है कि हिंसा में जो अन्य लोग शामिल थे उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
उमर खालिद पर क्या हैं आरोप?
उमर खालिद को पिछले साल सितंबर में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ UAPA लगाया गया और साथ ही राजद्रोह और तमाम धाराओं में मामला दर्ज किया गया. 13 सितंबर 2020 के बाद से ही उमर खालिद दिल्ली की जेल में हैं.
उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया था कि, "जांच के दौरान ये पाया गया कि ताहिर हुसैन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप के खालिद सैफी के संपर्क में थे. सैफी के जरिए हुसैन उमर खालिद के संपर्क में भी थे. सैफी ने 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में हुसैन और उमर की मुलाकात कराई. इस मुलाकात में ये तय किया गया कि केंद्र सरकार को CAA/NRC के मुद्दे पर हिलाने और अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत को बदनाम करने के लिए बड़ा धमाका करना होगा."
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