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दिल्ली हिंसा चार्जशीट: नाम आने पर योगेंद्र- मैं जाम हटवाने गया था

योगेंद्र यादव का नाम दिल्ली हिंसा से जुड़ी कई चार्जशीट में सामने आया है

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स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव का नाम दिल्ली हिंसा से जुड़ी कई चार्जशीट में सामने आया है. ताजा मामला FIR 50 के तहत दायर की गई चार्जशीट का है. ये FIR दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाके में हुई हिंसा की जांच से संबंधित है. इस चार्जशीट में यादव का नाम है, लेकिन वो आरोपी नहीं हैं.

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FIR 50 की सप्लीमेंटरी चार्जशीट में UAPA आरोपी गुलफिशा फातिमा के डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में लिखा है, "भीड़ बढ़नी शुरू हो गई थी और योजना के मुताबिक कई बड़े नेता और वकील भीड़ बढ़ाने और उसे उकसाने के लिए आने लगे." स्टेटमेंट में आगे कहा गया है कि कैसे योगेंद्र यादव जैसे कई एक्टिविस्ट और वकीलों ने 'CAA/NRC को एंटी-मुस्लिम बताकर समुदाय असंतोष की भावना से भर दिया.'

आपराधिक कानून के वरिष्ठ वकीलों ने हमें बताया कि डिस्क्लोजर स्टेटमेंट एविडेंस एक्ट के सेक्शन 25 के तहत दर्ज होता है और ये कोर्ट में अस्वीकार्य होता है. उन्होंने बताया कि पुलिस किसी से भी साइन किया हुआ स्टेटमेंट नहीं ले सकती.  

इसमें सिर्फ एक ही अपवाद है और वो तब होता है, जब डिस्क्लोजर की वजह से ट्रायल के दौरान मर्डर वेपन जैसे सबूत को ढूंढने में मदद मिले. हालांकि, तब भी सिर्फ वही स्टेटमेंट जिसकी वजह से सबूत को ढूंढने में मदद मिलती है, वही कोर्ट में स्वीकार्य होता है, न कि पूरा स्टेटमेंट.

गुलफिश के स्टेटमेंट के बारे में वकील महमूद प्राचा ने क्विंट से कहा कि ये स्टेटमेंट निराधार हैं. प्राचा ने कहा, “ये पुलिस और सरकार के एजेंडे के हिसाब से रिकॉर्ड किए गए हैं. पुलिस खुद इन कहानियों को लिखती है और फिर आरोपी से साइन कराती है. ये डिस्क्लोजर स्टेटमेंट पूरी तरह झूठा और निराधार है.” 

यादव के नाम का जिक्र कई चार्जशीट में इस संदर्भ के साथ किया गया है कि उनके कई जगहों पर भाषण ने लोगों को 'उकसाया', 'जुटाया' और 'CAA और सरकार के बारे में झूठ फैलाया'. चार्जशीटों में अपने नाम का जिक्र होने पर यादव ने कहा, "मेरे फेसबुक पेज पर सभी भाषण मौजूद हैं. इनमें वो भी शामिल हैं जिनमें मैं प्रदर्शनकारियों से ब्लॉकेड हटाने के लिए कह रहा हूं. दिल्ली पुलिस मेरे भाषणों में से कोई एक हिंसा के लिए उकसाने वाली लाइन को चार्जशीट में शामिल नहीं करती."

यादव के फेसबुक पेज पर क्विंट को 24 फरवरी की एक वीडियो मिली, जिसमें वो सीलमपुर प्रदर्शन स्थल पर भाषण दे रहे हैं.

इस वीडियो में 05:20 से योगेंद्र यादव कह रहे हैं, "मैं और अपूर्वानंद यहां आपसे निवेदन करने आए हैं. हम यहां अपनी बहनों से बात करने आए हैं, जो जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास बैठी हैं और अभी रोड ब्लॉक कर रखी है." इसके बाद वो कहते हैं कि प्रदर्शन की ताकत जोश में होश नहीं खोना ही है. यादव के साथ खड़े दिखे प्रोफेसर अपूर्वानंद ने भी भाषण दिया था. उनका नाम भी कई चार्जशीटों में है.

उन्होंने कहा, “इस ब्लॉकेड से किसका फायदा हो रहा है? सिर्फ उनका जो इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाना चाहते हैं. ये प्रदर्शन को बदनाम करने का जरिया बन सकता है. हमें गलती या जानबूझकर से भी कोई ऐसा काम नहीं करना है जिससे लोगों को उंगली उठाने का मौका मिले. हम उनसे बात करने गए थे लेकिन कुछ हो नहीं पाया. हमने एक शख्स से बात की जिसने कहा कि दूसरे से बात करो और फिर दूसरे से और फिर दूसरे से.”  

उन्होंने लोगों से अपील की, "आप लोगों के जरिए जो बहनें वहां बैठी हैं, मैं हाथ जोड़कर सबसे विनती करता हूं. अगर एक मिनट के लिए भी आपको लगता है कि हम आपके दोस्त हैं तो कृपया वहां अपने दोस्तों, परिवारों और बहनों के पास जाइए और उनसे अपील कीजिए."

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