नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो दिखाता है कि एक पुलिसकर्मी सड़क किनारे घायल पड़े कुछ लोगों को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर रहा है और इन घायलों को राष्ट्रगान गाने पर मजबूर किया जा रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा इन लोगों को पीटते हुए बार-बार 'आजादी' शब्द बोलते हुए भी सुना जा सकता है.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने Alt News ने इस वीडियो की प्रमाणिकता जांचने को कहा.
क्या है इस वीडियो का सच?
Alt News को इस वीडियो में दिखाई गई घटना का एक और वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति की आवाज सुनी जा सकती है, जो दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कह रहा है- 'ये देखो अधमरे लोगों को मार रहे हैं...'
दरअसल दोनों वीडियो को एक दूसरे से मिलाने पर पता चला कि दोनों में दिख रही घटना एक ही है. नीचे दोनों वीडियो के जो स्क्रीनशॉट साथ-साथ दिए गए हैं, उनसे इस बात को समझा जा सकता है
1. दो लोग जमीन पर पड़े हुए हैं, जिनमें से एक का सिर दूसरे के ऊपर रखा हुआ है
2. दो लोग काली टी-शर्ट में दिख रहे हैं
Alt News ने एक पीड़ित से बात की, जिसने एक वीडियो के जरिए अपना बयान भी भेजा. हालांकि, Alt News ने पीड़ित के अनुरोध पर उसकी पहचान उजागर नहीं की है. पीड़ित शख्स ने कहा है, ''पुलिस ने 5-6 (लोगों) को बुरी तरह पीटा था. (उन्होंने) किसी का हाथ तोड़ दिया, किसी का पैर. मेरे भी हाथ-पैर टूट गए हैं. मेरे सिर पर 8-10 टांके आए हैं. मैं बोल भी नहीं पा रहा हूं. पुलिसवाले कह रहे थे कि क्या तुम आजादी चाहते हो?''
पीड़ित के मुताबिक, यह घटना शाहदरा के कदमपुरी इलाके में कृष्ण मार्ग बस स्टॉप के पास शाम को करीब 5:45 बजे हुई थी. आखिर में Alt News इस नतीजे पर पहुंचा कि वीडियो में दिखाई गई घटना 24 फरवरी 2020 को दिल्ली के जाफराबाद इलाके के आसपास हुई हिंसा के वक्त की है.
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