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गडकरी ने माना, सड़क बनाने में टारगेट से पीछे है उनका मंत्रालय

विश्लेषकों का मानना है कि इस वित्तीय वर्ष में आधा काम पूरा करना भी चुनौती है. 

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केंद्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्री नि‍तिन गडकरी ने देश में सड़क बनाने के टारगेट को पहले से कम कर दिया है.

नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए गडकरी ने माना कि उनका मंत्रालय अब हर दिन 40 किलोमीटर से कम सड़कें बनाएगा.

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लंबी दूरी तय करनी है

गडकरी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के FY17 टारगेट के तहत नए प्रोजेक्ट में 15,000 किलोमीटर की सड़कें बनवाना चाहते हैं, लेकिन सड़क प्राधिकरण के आंकड़े कुछ और ही तस्वीर पेश करते हैं.

NHAI के योजना व सांख्यिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2,597 किलोमीटर की सड़क इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच बनाई जा चुकी है. लेकिन 237 किलोमीटर सड़क को नंवबर में जोड़ा गया. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 31,265 रुपये बैठती है.

इस प्रोजेक्ट को 3 कैटेगरी में बांटा गया है:

स्नैपशॉट
  • इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC)
  • बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (BOT)
  • हाइब्रि‍ड एन्युटी मॉडल (HAM)

डेटा से पता चलता है कि पूरे प्रोजेक्ट का करीब दो-तिहाई हिस्सा HAM कैटेगरी में रखा गया है. BloombergQuint की रिपोर्ट के डाटा से पता चलता है कि इस पूरे साल 1,417 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ. यानी औसतन हर दिन 6 किलोमीटर, जबकि टारगेट 40 किलोमीटर का है.

गडकरी ने दावा किया था कि इस वित्त वर्ष के अंत तक काम तेजी से पूरा होगा. हालांकि यह अब भी साफ नहीं है कि इतने बड़े गैप को चार महीने में कैसे पूरा किया जाएगा.

अगर ज्यादा नहीं, तो हम 30-35 किलोमीटर सड़क का निर्माण हर दिन करेंगे.
नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्री

आगे क्‍या हैं चुनौतियां

विश्लेषक कहते हैं कि नई सड़कें बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है.

NHAI का प्रदर्शन उम्मीद से कम है. इसका अपना टारगेट कुछ बाधाओं और भूमि अधिग्रहण में देरी की वजह से प्रभावित हुआ.
टीना विरमानी, कोटक सिक्योरिटीज रिसर्च की उपाध्यक्ष

उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट पूरा करने से पहले 80 % भूमि अधिग्रहण करना होगा, लेकिन इतनी ज्यादा जमीन न मिल पाने के कारण NHAI अपने टारगेट से कम काम कर पा रहा है.

इक्वीरस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने इस पर सहमति जताई है.

ये (भूमि अधिग्रहण) उन कारणों में से हैं, जिनके चलते उनका (नितिन गडकरी) तय किया हुआ टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है.
आशीष अग्रवाल, इक्वीरस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर

उनका मानना है कि हाइब्रि‍ड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत आने वाले प्रोजेक्ट में समस्याएं आ रही हैं. अग्रवाल ने कहा, ''वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, लेकिन HAM के तहत होने वाले काम में अभी तक तेजी नहीं आई है.''

वित्तीय वर्ष खत्म होने में सिर्फ चार महीने बाकी हैं, लेकिन विश्लेषकों को अभी भी उम्मीद नहीं है कि वक्त पर काम पूरा हो पाएगा.

अग्रवाल का कहना है कि आधा टारगेट पूरा करना भी अथॉरिटी के लिए चुनौती होने वाला है. उन्होंने कहा, ''वो निश्चित ही टारेगट पूरा नहीं कर पाएंगे. उनके लिए 6000-7000 किलोमीटर (इस वित्तीय वर्ष) सड़क बनाना ही मुश्किल होगा.

स्रोत: BloombergQuint

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