गठबंधन की तस्वीर अभी साफ हुई नहीं कि पीएम के चेहरों को लेकर अलग-अलग बयान सामने आने लगे हैं. अब बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चे की हिमायत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी(एस) चीफ एच डी देवगौड़ा ने कहा है कि वो टीएमसी चीफ ममता बनर्जी को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने के खिलाफ नहीं हैं.
देवगौड़ा की ये टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है, जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का मुद्दा चुनाव बाद के लिए छोड़ना चाहती हैं. उन्हें लगता है कि अगर चुनाव से पहले इस मुद्दे को उठाया गया तो विपक्ष की एकता को नुकसान पहुंच सकता है.
कर्नाटक में जेडी(एस)-कांग्रेस की सरकार
देवगौड़ा की पार्टी जेडी(एस) ने कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने में कांग्रेस एक अहम भूमिका निभाएगी. पूर्व प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया कि तीसरा मोर्चा का गठन अपने शुरूआती दौर में है और ममता सभी गैर-बीजेपी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए अपनी ‘‘सर्वश्रेष्ठ कोशिश'' कर रही हैं.
1996 में देवगौड़ा ने किया था नेतृत्व
देवगौड़ा ने 1996 में जनता दल नीत संयुक्त मोर्चा की सरकार का नेतृत्व किया था. हालांकि, उनका कार्यकाल साल भर से अधिक नहीं रहा था. उन्होंने कहा कि ममता असम में एनआरसी का मसौदा जारी किए जाने के बाद एक संघीय मोर्चा बनाने के लिए गंभीरता से काम कर रही हैं. एनआरसी मसौदा सूची में पूर्वोत्तर के इस राज्य के 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं. एनआरसी की सख्त आलोचना कर रहीं ममता केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का मुकाबला करने के लिए दूसरी पार्टियों का भी समर्थन मांग रही है.
ये पूछे जाने पर कि क्या वो विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के चेहरा के रूप में टीएमसी चीफ का समर्थन करेंगे, देवगौड़ा ने कहा, ‘‘अगर ममता को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रायोजित किया जाता है, तो उनका स्वागत है. इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में 17 साल तक शासन किया. सिर्फ हमें (पुरूषों को) ही प्रधानमंत्री क्यों बनना चाहिए ? ममता या मायावती को क्यों नहीं ? ''
'महिला प्रधानमंत्री क्यों नहीं'
देवगौड़ा ने संकेत दिया कि वो किसी महिला प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने 1996 में संसद में महिला आरक्षण विधेयक का मार्गदर्शन किया था. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि जेडी(एस) ने क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट करने की अभी तक कोई कोशिश नहीं की है. हालांकि, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी का मुकाबला करने के लिए दूसरी पार्टियों से सहयोग करने को तैयार हैं. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है कि देश में डर की भावना है. उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में अल्पसंख्यकों के लिए दमघोंटू माहौल है. 2019 में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत मोर्चा की जरूरत है. ''
उन्होंने कहा कि बीजेपी के एक राजनीतिक विकल्प के लिए कोशिश धीरे - धीरे जोर पकड़ेगी. एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस को भी एक अहम भूमिका निभानी होगी. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं देखना चाहुंगा कि अगले दो-तीन महीने में चीजें कैसे आकार लेती हैं.'' देवगौड़ा ने इस बात का भी जिक्र किया कि कांग्रेस और उनकी पार्टी 2019 का आम चुनाव कर्नाटक में साथ मिल कर लड़ेंगी. हालांकि, सीट बंटवारे के मुद्दे पर अब तक चर्चा नहीं हुई है. कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं.
(इनपुट: पीटीआई)
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