केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह स्वीकार करते हुए कि तेल की बढ़ी कीमतें उपभोक्ताओं को दिक्कत देने वाली हैं, मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार के खर्चे गिनाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर पलटवार भी किया है.
प्रधान ने कहा है कि राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों को फ्यूल पर टैक्स में कटौती करनी चाहिए. हालांकि, प्रधान ने यह नहीं बताया कि क्या मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य भी ऐसा ही करेंगे, जहां स्थानीय टैक्स की वजह से पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है.
दरअसल, जब प्रधान से पूछा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कह रहे हैं कि तेल के दाम बढ़ रहे हैं और केंद्र सरकार उस पर लगाम नहीं लगा पा रही है, तो केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ''राहुल गांधी जी पहले जवाब दें, उनके शासन वाले महाराष्ट्र में क्यों महंगा है तेल, राजस्थान में क्यों महंगा है तेल, पंजाब में क्यों महंगा है तेल. ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान राहुल गांधी ही दे सकते हैं.''
प्रधान ने कहा, ‘’मैं स्वीकार करता हूं कि आज के जो दाम आए हैं, वो नागरिकों को, उपभोक्ताओं को दिक्कत दे रहे हैं, इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन भारत सरकार हो या राज्य सरकारें हों, कोरोना में लगभग 35000 करोड़ रुपये से ज्यादा का एक साल के अंदर टीका में खर्चा हो रहा है.’’
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ''अभी-अभी 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करके प्रधानमंत्री जी ने 8 महीने मुफ्त में खाद्यान देने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की है.''
प्रधान ने कहा कि किसानों के खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं, एमएसपी बढ़ाने का ऐलान हुआ है, इन सारे खर्चों के अलावा देश में रोजगार सृजन के लिए, विकास के काम होने के लिए निवेश की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस कष्ट के समय में हम पैसा बचाकर लोक कल्याण के काम में लगाएं.
तेल के मुद्दे पर राहुल को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी जी को गरीबों के प्रति इतनी चिंता है तो वह अपने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी को आदेश दें. आज मुबंई में सबसे महंगा इसलिए है क्योंकि महाराष्ट्र का टैक्स देश के अंदर सबसे ज्यादा है. राजस्थान का टैक्स पेट्रोल के ऊपर देश में सबसे महंगा है, वहां पर पहले घटाएं.''
पिछले करीब 6 हफ्ते से कम वक्त में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने और ऊंचे केंद्रीय और राज्य करों की वजह से वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं.
(ANI और PTI के इनपुट्स समेत)
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