मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ चार और मामले दर्ज किए हैं. ये जानकारी पीटीआई को एक अधिकारी ने दी है. मंगलवार शाम, 12 अप्रैल को मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) जिले में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित उन्होंने एक तस्वीर ट्वीट की थी जो बाद में फर्जी निकली.
इससे पहले उसी दिन, बीजेपी जिला (भोपाल) के अध्यक्ष सुमित पचौरी ने भोपाल पुलिस थाने में दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई थी.
दिग्विजय सिंह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए), 295 (ए), 465 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि चार अन्य एफआईआर ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में दर्ज की गई हैं.
सतना कोतवाली थाना प्रभारी सत्येंद्र मोहन उपाध्याय ने कहा कि सतना में एफआईआर बीजेपी पदाधिकारी विकास मिश्रा ने कराई है. उधर पुलिस अधीक्षक विजय भदौरिया ने कहा कि ग्वालियर में दिग्विजय सिंह के खिलाफ इंदरगंज थाने में संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ओमती थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जबलपुर में भारत विकास परिषद की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. निरीक्षक संतोष चौहान ने कहा कि नर्मदापुरम में, पुलिस ने विशाल दीवान की शिकायत के आधार पर कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
क्या लोकतंत्र में यह Bjp मॉडल है या मोदी मॉडल? - दिग्विजय सिंह
इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ट्वीट किया था कि, मेरे सवाल का जवाब देने के बजाय उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है. क्या लोकतंत्र में यह बीजेपी मॉडल है या मोदी मॉडल है? बीजेपी और आरडब्ल्यू बाबाओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के बारे में क्या?
इस बीच, दिग्विजय सिंह ने भोपाल के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कथित रूप से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बारे में 16 मई, 2019 को एक मनगढ़ंत वीडियो पोस्ट करने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
दिग्विजय सिंह का कौनसा पोस्ट फर्जी निकला?
इससे पहले मंगलवार को, दिग्विजय सिंह ने एक फोटो साझा की जिसमें मस्जिद पर भगवा झंडा लहराते लोगों के एक समूह को दिखाया गया और मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में लिखा गया.
उन्होंने ट्वीट किया था, "क्या मस्जिद पर भगवा झंडा फहराना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने इस (रामनवमी) जुलूस को हथियार ले जाने की अनुमति दी थी?"
इस पोस्ट को लेकर जैसे ही विवाद बढ़ने लगा तो दिगंविजय सिंह ने पोस्ट को डिलीट कर दिया.
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