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करुणानिधि को स्टालिन का खत-‘क्या आखिरी बार आपको अप्पा कह सकता हूं’

इस भावुक खत के जरिए स्टालिन ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी है.

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भारत
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तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि के निधन पर देशभर में शोक की लहर है. इस बीच करुणानिधि के बेटे एमके स्‍टालिन ने पिता की मृत्यु के दुख को शब्‍दों में बयां करते हुए उनके नाम एक बेहद भावुक खत लिखा है. इस खत के जरिए स्टालिन ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी है.

स्टालिन ने अपने ट्विटर पर तमिल भाषा में कविता की शक्ल में एक पोस्ट में लिखा- "मैंने अपने जीवन में आपको अप्पा की जगह हमेशा थलाइवा (नेता) कह कर पुकारा. कम से कम अब क्या आखिरी बार मैं आपको अप्पा कह कर बुला सकता हूं?''

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खत में लिखी कई भावुक बातें


स्टालिन ने अपने खत में लिखा है-
"आप जहां भी जाते थे मुझे बताकर जाते थे. अब आप मुझे बिना बताए कहां चले गए? आप हमें लड़खड़ाता छोड़कर कहां चले गए? 33 साल पहले आपने बताया था कि आपके समाधि स्थल पर आपकी स्मृति में क्या लिखा जाए: ''यहां वो शख्स लेटा है जिसने अपनी पूरी जिंदगी में बिना थके काम किया."  क्या अब आपने तय कर लिया कि तमिल समाज के लिए आपने पर्याप्त काम कर लिया? या आप कहीं छुप गए हैं ये देखने के लिए कि क्या कोई आपके 80 साल की उपलब्धियों को पीछे छोड़ सकता है?”

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“तीन जून को आपके जन्मदिन पर मैंने दुआ की थी कि आपके आधे गुण मुझमें आ जाएं. क्या अब आप मुझे वो दिल देंगे जो आपको बहुत पहले अरिग्नार अन्ना से मिला था. क्योंकि उस महत्वपूर्ण दान से हम आपके अधूरे सपने और आदर्शों को पूरा कर सकेंगे.”

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अपने खत के आखिर में स्टालिन ने लिखा-

‘’करोड़ों उडनपिरापुक्कल (डीएमके कार्यकर्ताओं) की ओर से मैं आपने प्रर्थना करता हूं कि एक बार वो शब्द ‘उडनपिराप्पे’ कहें जिससे हम सदी तक काम कर सकें. मैंने जिंदगी में आपको अप्पा की जगह हमेशा थलाइव (नेता) कह कर पुकारा. कम से कम अब क्या आखिरी बार मैं आपको अप्पा कह कर बुला सकता हूं?’’
एमके स्‍टालिन

बता दें कि मंगलवार देर शाम को चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल ने बयान जारी कर करुणानिधि के निधन की घोषणा की थी. 7 दशकों से ज्यादा के अपने राजनीतिक करियर में करुणानिधि तमिलनाडु की सियासत का एक स्तम्भ बने रहे. साथ ही वे 50 साल तक अपनी पार्टी डीएमके के अध्यक्ष भी रहे.

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