जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान में बढ़ते तनाव को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बेहद खतरनाक बताया है. साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा कि भारत कुछ कड़े कदम उठाने की तरफ देख रहा है.
ट्रंप ने कहा, "इंडिया कुछ सख्ती से करने पर विचार कर रहा है, भारत ने अभी-अभी अपने 50 लोगों को खोया है, इसके बारे में कई लोग बात कर रहे हैं, लेकिन यहां बहुत नाजुक बैलेंस चल रहा है. अभी जो कुछ कश्मीर में हुआ है इस वजह से इस वक्त भारत पाकिस्तान के बीच काफी दिक्कतें हैं. ये बहुत खतरनाक है."
दरअसल, शुक्रवार को ओवल में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने पुलवामा हमले पर अपनी चिंता जताई. उन्होंने 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में मारे गए 40 सीआरपीएफ जवानों के लिए दुख प्रकट किया और कहा कि बहुत से लोगों की हत्या हुई है और अब ये रुकना चाहिए. ट्रंप ने कहा,
इस वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच खतरनाक चीजें हो रही है, यह एक बहुत-बहुत खराब स्थिति है, दोनों देशों के बीच हालात बेहद खराब हैं. हम लोग चाहेंगे कि ये बंद हो, कुछ ही दिन पहले कई लोग मारे गए थे.
इसके अलावा ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के संपर्क में है और उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर घाटी में अशांति की हालत जल्द ही खत्म होगी.
पाकिस्तान को अमेरिका ने 1.3 अरब डॉलर देना किया था बंद
राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकियों पर सख्ती नहीं दिखाने पर पाकिस्तान की आलोचना की. उन्होंवे कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सुधारा है और पाकिस्तान के नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक की तैयारी की जा रही है. ट्रंप ने कहा,
मैंने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की मदद रोक दी जो हम उन्हें पहले देते रहे थे. दूसरे राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में पाकिस्तान को अमेरिका से काफी फायदा मिला है. हम पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर सालाना मुहैया कराते थे. लेकिन मैंने यह देना रोक दिया क्योंकि वे हमारी उस तरह से मदद नहीं कर रहे थे जैसी उन्हें करनी चाहिए.
ट्रंप ने साथ ही यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में भी बढ़ोतरी हुई है.
जैश के आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान हुए थे शहीद
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैशे मोहम्मद ने ली थी.
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