प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ अपनी धनशोधन जांच के सिलसिले में शुक्रवार को 5.6 करोड़ रुपये कीमत की सम्पत्ति जब्त की. चुनाव आयोग ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख गुरुवार को ही घोषित की थीं.
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि सम्पत्ति में चल और अचल दोनों शामिल हैं और ये मुख्यमंत्री के पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पुत्री अपराजिता सिंह और पत्नी प्रतिभा सिंह के नाम हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने धनशोधन कानून के प्रावधानों के तहत जब्ती का एक अंतरिम आदेश जारी किया था. एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘इस आदेश के तहत दिल्ली में डेरा मंडी स्थित उस फार्महाउस के एक हिस्से से 4.2 करोड़ रुपये जब्त किये गए जो कि मेसर्स तारिनी इंटरनेशनल के नाम है और इसके साथ ही गुजरात के वापी स्थित मेसर्स तारिनी इंफ्रा दमनगंगा परियोजना की अचल परिसम्पत्ति जब्त की गई है.’
एजेंसी ने बयान में कहा, इसके साथ ही विक्रमादित्य सिंह और अपराजिता सिंह के नाम के 64 लाख रुपये कीमत के शेयर और अपराजिता सिंह के बैंक खाते में 20 लाख रुपये की सावधि जमा (भी जब्त की गयी ) है.
एजेंसी ने पहले कहा था कि चंद्रशेखर तारिनी समूह की कंपनियों के प्रोमोटर या निदेशक हैं जो कि हिमाचल प्रदेश में दो पनबिजली परियोजनाओं में शामिल है. एजेंसी ने दोनों पक्षों पर एकदूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था.
उसने कहा कि चंद्रशेखर से होकर गुजरने वाली धनराशि कहां से आयी और कहां गई इसकी जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि उसके द्वारा 5.9 करोड रुपये वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों को उसके तीन निजी बैंक खातों के जरिये दिया गया.
एजेंसी ने कहा कि नवीनतम आदेश के साथ ही इस मामले में उसके द्वारा अभी तक कुल 40 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य) की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है.
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