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'यूपी में बढ़ा उत्पीड़न': पत्रकार पर हमले को लेकर एडिटर्स गिल्ड

EGI ने अपने बयान में कहा है कि ये घटना बेहद निंदनीय है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने सोमवार को कहा कि वो उत्तर प्रदेश में मीडिया और पत्रकारों के खिलाफ अधिकारियों की ओर से अपनाए जाने वाले 'मनमाने रवैये' से नाराज है.

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उन्नाव के एक मतदान केंद्र में रिपोर्टिंग करने के दौरान एक पत्रकार की मुख्य विकास अधिकारी (CDO) दिव्यांशु पटेल और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पिटाई कर दी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था.

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एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में कहा है कि यह घटना बेहद निंदनीय है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. उसके मुताबिक, यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यूपी में पत्रकारों के खिलाफ उत्पीड़न बढ़ा है. गिल्ड का आरोप है कि प्रशासन ने पत्रकारों को अपराधों, राज्य की ज्यादतियों और महामारी के प्रबंधन पर स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिंग करने से डराने का प्रयास किया है, और इसके लिए उन्हें दंडित भी किया गया.

इस बयान में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के बारे में भी बात की गई है. कप्पन को हाथरस में एक दलित महिला के रेप और हत्या केस की रिपोर्ट करने के समय गिरफ्तार किया गया था. बयान में कहा गया है कि, ''वह (कप्पन) अभी भी कठोर कानून UAPA के तहत जेल में हैं. जबकि उनके परिवार ने कई अपील की हैं और फैमिली और सिविल सोसायटी की ओर से भी इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई के लिए अपील की गई है.''

अधिकारी के खिलाफ होनी चाहिए सख्त कार्रवाई

EGI ने यह भी कहा कि भले ही CDO ने बाद में पटेल से माफी मांग ली है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस तरह का रवैया मीडिया के लोकतांत्रिक अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहा है और यह ऐसे समय में और भी अहम हो जाता है जब अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

EGI ने अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि यूपी में स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए माहौल सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.

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