बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमलों ने दुनिया के हर देश की चिंता बढ़ा दी है. ISIS ने उन हमलों की जिम्मेदारी ले ली है. भारत में भी राजधानी दिल्ली समेत कई महानगरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर मौजूद सुरक्षाकर्मी हमें गणतंत्र दिवस जैसी सुरक्षा की याद दिलाते हैं, जब पेरिस हमले के बाद ISIS ने धमकी जारी की थी.
गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 14 लोगों को ISIS से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. ISIS से ‘सहानुभूति रखने वालों’ को पेरिस जैसे आतंकी हमले होने से रोकने के मकसद से गिरफ्तार किया गया था.
उन 14 आरोपियों में से 4 के परिजनों ने इस मामले में अब चुप्पी तोड़ी है. द क्विंट से खास बातचीत में परिजनों ने कहा कि आरोपी मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करते थे. हालांकि परिजनों ने ISIS के साथ आरोपियों के ऑनलाइन संपर्क की जानकारी होने से साफ इनकार किया.
बेंगलुरु से गिरफ्तार आसिफ अली, उर्फ रहमान के चाचा ने कहा,
लड़का धार्मिक प्रवृति का है, पांचों वक्त नमाज पढ़ता है. इसके पीछे सिर्फ राजनीति हो रही है.
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद सोहेल के भाई ने कहा,
मेरे भाई के पास कम्प्यूटर ही नहीं है. जब सरकारी स्कूल में पढ़कर उसने उर्दू ही नहीं सीखी, तो इंग्लिश कहां से सीखेगा? हमारे पास बार-बार पुलिस आती है. पड़ोसी सोचते हैं कि हम मुजरिम हैं.
आरोप से कई के परिजन हैरान
कुछ के परिवारवाले आरोप से एकदम हैरान हैं. इनका कहना है कि आरोपियों का कहीं कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं रहा है. इनमें से कई परिजनों ने अपने साथ भेदभाव किए जाने की बात कही है.
बहरहाल, NIA ने ISIS से लिंक के आरोप में गिरफ्तारियां तो कर ली हैं, लेकिन अदालत में पुख्ता सबूत पेश करना इस जांच एजेंसी के लिए बड़ी चुनौती होगा.
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