380 दिन बाद आखिरकार अब किसान अपने घरों को लौट रहे हैं. तीन कृषि कानूनों के वापस होने के बाद और एमएसपी (MSP) समेत सभी मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति बनने के बाद किसानों ने आंदोलन (Farmer Protest) स्थगित कर दिया गया है. इस ऐलान के बाद अब आज किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डरों से अपने टेंट और बाकी सामान हटा रहे हैं. किसानों में जश्न का माहौल है और इसी को देखते हुए देशभर में किसान आज विजय दिवस के रूप में मना रहे हैं.
9 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने के एलान के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने घर वापसी के लिए 11 और 12 दिसंबर की तारीख तय की थी.
विजय दिवस की तैयारी
जानकारी के मुताबिक किसान संगठनों ने आंदोलन कर रहे किसानों से एक-एक कर घर जाने के लिए कहा है जिससे ट्रैफिक की समस्या न हो.
बता दें कि दिल्ली के तीन अलग-अलग बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे थे. अब वापसी को लेकर भी तीनों बॉर्डर पर जश्न का माहौल है. इसी को देखते हुए किसान संगठन के नेताओं ने वापसी के कार्यक्रम का समय तय किया है.
सिंघू बॉर्डर : पंजाब के किसान नेता सुबह 8:30 बजे केएमपी के पास जमा होंगे और कुछ समारोहों के बाद वे सभी पंजाब की ओर चलेंगे.
टिकरी बॉर्डर : किसान नेता बहादुरगढ़ के किसान चौक पर सुबह नौ बजे जमा होंगे.
गाजीपुर बॉर्डर : सुबह करीब 10 बजे मुख्य मंच के पास किसान जुटेंगे.
घर वापसी कैसे हुई मुमकिन
पिछले एक साल से किसान दिल्ली की सरहदों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आखिरकार 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया.
हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई और मांगों को लेकर किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा.
शीतकालीन सत्र शुरू होते ही मोदी सरकार संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापस ले लिया.
लेकिन किसान एमएसपी समेत अपनी मांगों पर टिके रहे.
जिसके बाद सरकार ने किसानों की मांगो को मानने को लेकर एक चिट्ठी भेजी, जिसके बाद किसान दिल्ली की सरहदों से हटने को तैयार हुए.
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है बल्कि स्थगित किया गया है. क्योंकि अगर सरकार अपनी बात से पलटती है तो किसान दोबारा आंदोलन के लिए दिल्ली कूच कर सकते हैं.
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