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किसानों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी, बॉर्डर पर पुलिस तैनात

किसानों का कहना है कि केंद्र के कृषि कानून उनके खिलाफ हैं और इन्हें रद्द किया जाना चाहिए.

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किसानों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है. कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है , "हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे’

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किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर बंद होने से उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. एक यात्री ने बताया, “मैं बुलंदशहर से आया हूं, मुझे बच्ची का ऑपरेशन कराने एम्स जाना था। मुझे यहां फंसे हुए एक-डेढ़ घंटा हो गया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.

किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए विज्ञान भवन में गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक भले किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी, लेकिन मांगों को लेकर सरकार का रुख पहले से नरम हुआ है. तीनों कानूनों को लेकर किसानों के तेवर को देखते हुए केंद्र सरकार कई विषयों पर विचार करते हुए बीच का रास्ता निकालने की दिशा में आगे बढ़ गई है.

कानून सरकार भले वापस नहीं लेगी, लेकिन किसानों की जिद को देखते हुए कुछ पहलुओं पर नए उपाय करने की तैयारी है. नए कानून से मंडियों को लेकर उपजी आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन की पहल करने की सोच रही है.

गुरुवार को सकारात्मक माहौल में देर तक चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि पांच दिसंबर की बैठक निर्णायक होने वाली है.

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