मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि किसानों का अपमान नहीं किया जा सकता और न ही उन्हें कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर किया जा सकता है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. मलिक का कहना है कि उन्होंने सरकार को सलाह दी है कि वो मौजूदा संकट के समाधान के लिए किसानों से बात करे.
मलिक का यह बयान केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच आया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता मलिक ने कहा है कि इस हफ्ते की शुरुआत में यूपी पुलिस द्वारा आंदोलनकारी किसानों को गाजियाबाद से बाहर निकालने की कोशिश से स्थिति और खराब हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मलिक ने उसे फोन पर बताया, ''मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो संवैधानिक पद संभाल रहा है. मुझे इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. लेकिन यह किसानों का मुद्दा है, और मैं चुप नहीं रह सकता. मैंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के जरिए इस मुद्दे को तुरंत हल करने का अनुरोध किया है.''
इसके अलावा उन्होंने कहा, ''किसानों को अपमानित करके वापस नहीं भेजा जा सकता है. आप उन्हें अपमानित नहीं कर सकते और न ही उन्हें विरोध प्रदर्शन से वापस भेज सकते हैं. आपको उन्हें बातचीत में शामिल करना चाहिए.''
मलिक ने कहा,
- ''किसानों के बीच प्रधानमंत्री मोदी का काफी समर्थन है. उनके पास ताकत है. उन्हें व्यापकता दिखानी चाहिए और मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा करनी चाहिए.''
- ''पश्चिमी यूपी के किसान नेताओं ने कहा है कि वे इस मुद्दे को हल करने के लिए तैयार हैं. किसान तैयार हैं ... अगर सरकार की मंशा है, तो इसे सुलझाया जा सकता है.''
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई ने स्थिति को बदतर बना दिया है, मलिक ने कहा, “निश्चित रूप से. गाजियाबाद वाली कार्रवाई ने किसानों को फिर से उकसाया है. देखिए, अब यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक फैल गया है. ”
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