3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार और किसान नेताओं के बीच आज बैठक शुरू. दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक हो रही है. किसान संगठन के साथ इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद हैं.
बैठक से पहले किसान यूनियन (दाओबा) के मंजीत सिंह ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि आंदोलन खत्म हो, तो उन्हें तीनों कानून वापस लेने चाहिए.
किसान संगठनों का कहना है कि उन्हें कोई संशोधन नहीं चाहिए बल्कि कानून वापस होने चाहिए. ये छठी राउंड की बैठक है, इससे पहले कृषि मंत्री से लेकर गृह मंत्री अमित शाह के साछ किसानों की बैठक भी मीटिंग बेनतीजा ही रही थी.
26 नवंबर से दिल्ली की सरहदों पर किसान
बता दें कि कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे हैं.
केंद्र-किसानों के बीच इन 4 मुद्दों पर बात
सरकार की तरफ से किसानों को एक चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें कहा गया कि वो तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं और किसान बातचीत का समय और तारीख बता दें. इसके बाद सिंघु बॉर्डर पर किसानों की एक बैठक हुई थी, जिसमें इस चिट्ठी पर चर्चा की गई. बैठक के बाद किसान बातचीत के लिए तैयार हो गए..
लेकिन बातचीत के लिए किसानों की कुछ शर्तें भी थीं, इस चिट्ठी में साफ-साफ शब्दों में किसानों की पहली ही शर्त ये थी कि वो कानून खत्म करने को लेकर आगे की प्रक्रिया पर सरकार से बात करेंगे. यानी कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कायम है. इसके अलावा दूसरी शर्त ये थी कि एमएसपी को लेकर कानूनी गारंटी दिए जाने पर चर्चा होगी. तीसरी और चौथी शर्त पराली जलाने और विद्युत संशोधन विधेयक पर बातचीत का जिक्र किया गया था.
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