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Farmer Protest: सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ढील, शंभू और खनौरी पर किसानों का सम्मेलन

Farmers Protest Update: हरियाणा के 7 जिलों में एक बार फिर से इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है.

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भारत
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Farmer Protest: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च (Delhi Chalo March) के आह्वान को 13 दिन हो गए हैं. पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं. इन दोनों जगहों पर रविवार, 25 फरवरी को किसान सम्मेलन का आयोजन होगा. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने इसकी जानकारी दी है.

दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने हरियाणा से सटे बॉर्डर को आंशिक रूप से खोल दिया है. दरअसल, किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर हरियाणा से लगे सिंघु और टिकरी बॉर्डर को करीब दो हफ्ते से सील किया हुआ था.

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किसान नेता पंढेर ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से "किसानों के साथ हो रहे बर्थाव" पर बोलने का आग्रह किया. पंधेर ने कहा है कि वह 29 फरवरी को अपनी आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे.

बॉर्डर पर किसानों का सम्मेलन आज

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''आज शंभू और खनौरी में मोर्चों का 13वां दिन है. आज हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि WTO पर चर्चा होगी. हमने भारत सरकार से मांग की है कि सरकार कृषि क्षेत्र को WTO से बाहर निकाले. हम शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे."

सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि सोमवार, 26 फरवरी की दोपहर को दोनों बॉर्डरों पर 20 फीट से ऊंचे पुतलों का दहन किया जाएगा. वहीं 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, SKM (गैर राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा.

पंढेर ने आगे बताया कि 28 फरवरी को दोनों मंच पर बैठेंगे और चर्चा करेंगे. 29 फरवरी को अगले कदम को लेकर फैसला किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री मोदी से किसानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उस पर बोलने की मांग कर रहे हैं.''

फिलहाल, किसानों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च 29 फरवरी तक टाल दिया. शंभू और खनौरी सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं. आंदोलनकारी किसानों ने अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों के समर्थन और आंदोलन के दौरान मारे गए किसान की मौत पर शोक जताते हुए शनिवार, 24 फरवरी की शाम को पंजाब और हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमाओं पर कैंडल मार्च निकाला.

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बॉर्डर पर मिली ढील

इसी बीच,अधिकारियों ने दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आंशिक रूप को फिर से खोल दिया है, जिन्हें 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सील कर दिया गया था. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, वाहनों की आवाजाही की अनुमति देने के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर सर्विस लेन की एक-एक लेन खोली जा रही है.

"हम एक लेन खोलने की तैयारी कर रहे हैं. मैंने इस बारे में संबंधित डीएसपी और SHO से बात की है. हमारा प्रयास है कि जो यातायात-आवागमन है वह प्रभावित ना हो. और आम जनता ट्रैफिक जाम से परेशान नहीं हो. पहले हम एक लेन खोलेंगे, फिर आगे के कदम के बारे में पुलिस जनता को सूचित करेगी"
अर्पित जैन, एसपी, झज्जर

वहीं किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था पर अब कई इलाकों में इसे भी बहाल कर दिया गया है जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है. जिन जिलों में अब इंटरनेट सेवा बहाल की गई है, उनमें कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार शामिल है.

"हमें देश में शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए"

किसान आंदोलन पर बात करते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने शनिवार को कहा कि "हमें देश में शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए. हमने हमेशा बातचीत की है और आगे भी समाधान निकालने के लिए बातचीत करते रहेंगे. हम सभी सुझावों का भी स्वागत करते हैं. मुझे उम्मीद है कि हम इस मुद्दे पर आगे भी चर्चा करेंगे. भारत सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है."

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