Farmer Protest: आंदोलन के दौरान युवा किसान की संगरूर-जींद सीमा पर मौत की खबर के बीच दो राज्यों की पुलिस आमने-सामने है. किसानों के मुताबिक, 21 साल के शुभकरण सिंह की हरियाणा पुलिस के साथ झड़प के दौरान संगरूर-जींद सीमा पर खनौरी में मौत हुई. हालांकि, हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने इस दावे का खंडन किया है. युवक की मौत के बाद किसान खेमे में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं सीएम मान ने मृतक के परिवार को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया.
किसान आंदोलन के दौरान बॉर्डर पर बिगड़ते हालात को लेकर हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार में भी खींचतान बढ़ गई है. केंद्र ने पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखी जिसका जवाब पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा द्वारा लिखा गया. पंजाब सरकार द्वारा केंद्र को भेजे जवाब में किसानों पर हरियाणा पुलिस के द्वारा इस्तेमाल की गई फोर्स से किसानों के घायल होने का जिक्र किया गया है.
केंद्र ने लगाया पंजाब में कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप
गृह मंत्रालय ने बुधवार, 21 फरवरी को पंजाब सरकार से कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय रही है. MHA ने कहा था कि ऐसा लगता है कि विरोध की आड़ में उपद्रवियों और कानून तोड़ने वालों को पथराव करने और भारी मशीनरी जुटाने की खुली छूट दे दी गई है और उनका इरादा पड़ोसी राज्यों में अशांति और अव्यवस्था पैदा करना है. मंत्रालय ने इस मामले पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा. जिसके बदले में पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख इन आरोपों को सिरे से नकार दिया.
"हरियाणा पुलिस के फोर्स के कारण किसान घायल"
पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने गृह मंत्रालय (MHA) को भेजे अपने जवाब में कहा है कि यह कहना पूरी तरह गलत है की राज्य सरकार शंभू और धाबी-गुर्जन बॉर्डर पर लोगों को इकट्ठा होने दे रही है. किसान दिल्ली आंदोलन करने जा रहे थे लेकिन आवाजाही पर पाबंदियों की वजह से वो पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर रुके हुए हैं.
पंजाब सरकार ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए आंसू गैस शेल्स, रबर बुलेट्स एवं फिजिकल फोर्स में अब तक 160 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. चीफ सेक्रेटरी ने लिखा, किसानों के प्रति और ज्यादा सहानुभूति दिखाने की जरूरत है. इसके बाद भी पंजाब सरकार ने जिम्मेदारी के साथ लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन को बरकरार रखा है.
उन्होंने केंद्रीय मंत्रालय को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच वार्ता में पंजाब सरकार द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की भी बात की है. केंद्र को भेजे गए जवाब के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री अब तक हुई चार मीटिंग्स में से तीन में मौजूद थे. पत्र में कहा गया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीआइजी रैंक के आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों समेत 2,000 पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं. सरकार पूरे हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करेगी.
मृतक के परिवार को पंजाब सरकार देगी मदद
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann Singh) ने कहा कि शुभकरण की मौत की जांच की जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. मान ने कहा,"शुभकरण वहां तस्वीरें क्लिक करने नहीं गया था. वह यहां अपनी फसल के लिए सही कीमत मांगने आया था." सीएम ने ऐलान किया कि पंजाब सरकार शुभकरण के परिवार को आर्थिक सहायता देगी.
सीएम ने कहा, मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या पंजाब के किसान अपनी मांग के लिए अपने देश की राजधानी में दाखिल नहीं हो सकते.अगर इन लोगों ने तीन सालों में किसानों से बात की होती तो यह मसला पैदा ही नहीं होता. मुझे बहुत दुख है कि मेरे राज्य का 21 साल का नौजवान शुभकरण आज इस दुनिया में नहीं है.
भगवंत मान ने एक्स अकाउंट पर शेयर किए दूसरे वीडियो में कहा कि कई अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि राष्ट्रपति शासन ला देंगे, आप एक बार नहीं 100 बार राष्ट्रपति राज ला दो मैं 100 कुर्सियां कुर्बान कर दूंगा पर एक भी शुभकरण मरने नहीं दूंगा.
हरियाणा पुलिस ने मौत के दावे का खंडन किया
हरियाणा पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उसे सीमा पर किसी भी प्रदर्शनकारी के मरने की कोई जानकारी नहीं है. पोस्ट में लिखा है, "अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान आज किसी किसान की मौत नहीं हुई है. यह सिर्फ अफवाह है.दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जिनका इलाज चल रहा है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)