गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप लिया, जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोट पहुंची और पब्लिक प्रॉपर्टी को भी नुकसान पहुंचाया गया. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले पर चढ़ाई कर दी. इस तमाम बवाल के बाद अब पुलिस भी एक्शन मोड में है, गिरफ्तारियां जारी हैं और आरोपियों की पहचान की जा रही है. पुलिस का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन और दिल्ली के बॉर्डर पर क्या चल रहा है, इन 10 बड़ी बातों में जानिए.
ADVERTISEMENTREMOVE AD
- किसानों की हिंसा के बाद पुलिस ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस की तरफ से करीब 37 किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद अब इन सभी के पासपोर्ट सरेंडर किए जाएंगे. इन नेताओं में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चंदूनी जैसे नाम शामिल हैं.
- किसान प्रदर्शन में घायल हुए पुलिसकर्मियों से अब गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात की है. उन्होंने हॉस्पिटल में भर्ती तमाम पुलिसकर्मियों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा. इस हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर हॉस्पिटल में भर्ती हैं, जबकि कुछ गंभीर पुलिसकर्मियों को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है.
- इस हिंसा को लेकर अब तक 25 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस अब सीसीटीवी और मीडिया फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान कर रही है.
- जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है उनमें पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना का नाम भी शामिल है. इनके अलावा स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 37 किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
- दिल्ली में हुए प्रदर्शन के बाद गाजीपुर बॉर्डर की सुरक्षा और ज्यादा बढ़ा दी गई है. यहां रैपिड एक्शन फोर्स की कई कंपनियों को भेजा गया है, जिन्होंने प्रदर्शन स्थल के पास मार्च भी किया. आगे किसी भी स्थिति से निपटने को लेकर अब पुलिस ये तैयारी कर रही है.
- गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी गई है. साथ ही पुलिस ने चारों तरफ से इस इलाके को घेर लिया है. पैदल जाने का रास्ता भी बंद कर दिया गया है. साथ ही प्रदर्शनकारियों को जगह खाली करने का नोटिस भी दे दिया गया है.
- यूपी सरकार की तरफ से सभी डीएम और एसएसपी को आदेश जारी किए गए हैं प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को पूरी तरह से खत्म किया जाए. जिसके बाद ये सारी कार्रवाई शुरू हुई है.
- इसी बीच गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटे जानी की भी खबर सामने आई. किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बुधवार रात गाजीपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों के टेंट वाले इलाके की लाइट काट दी.
- 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद 28 जनवरी को कुछ लोग सिंघु बॉर्डर पहुंच गए, जहां उन्होंने किसानों को बॉर्डर खाली करने को कहा. इस दौरान खूब नारेबाजी भी हुई. जिससे कुछ देर तक के लिए हालात तनावपूर्ण हो गए थे. हालांकि स्थिति को संभाल लिया गया.
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर एनएस श्रीवास्तव ने अपने तमाम पुलिसकर्मियों को एक लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने सभी की जमकर तारीफ करते हुए लिखा कि, किसान आंदोलन के उग्र और हिंसक हो जाने पर भी आप लोगों ने संयम और सूझबूझ का परिचय दिया है. इससे दिल्ली पुलिस इस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट पाई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
क्विंट हिंदी पर लेटेस्ट न्यूज और ब्रेकिंग न्यूज़ पढ़ें, news और india के लिए ब्राउज़ करें
Published: