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गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान नेता, किसानों को बताई आगे की रणनीति

आंदोलन में और धार देने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे

Published
भारत
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कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में और धार देने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आगे की रणनीति तय की, इस दौरान एक बैठक भी हुई. बैठक के बाद सभी किसान नेता मंच पर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया.

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गाजीपुर बॉर्डर के मंच से राकेश टिकैत के अलावा, किसान नेता दर्शन पाल, युद्धवीर सिंह, और बलबीर सिंह राजेवाल के अलावा अन्य किसान नेता उपस्थित रहे. इस दौरान महाराज सूरजमल की जयंती मनाई और विद्वान कार्यकर्ता प्रोफेसर एमडी नानजुंदस्वामी को भी याद किया.

गाजीपुर बॉर्डर के मंच से किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि- "इस आंदोलन के समर्थन में पूरा देश है। यदि आंदोलन इसी तरह तेज रहा तो, कुछ जिलों में जिस तरह टोल फ्री हुए हैं, उसी तरह यूपी के टोल भी फ्री कराए जाएंगे."

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16-18 फरवरी का कार्यक्रम तय

"रविवार को पुलवामा में शहीद हुए जवानों और अब तक किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. 16 फरवरी को किसान मसीहा छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे. वहीं 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिए इस्तेमाल किये शब्दों पर किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि- "प्रधानमंत्री के मुंह से निकला एक एक शब्द समझते हैं. आज तक किसी भी प्रधानमंत्री की मुंह से इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया."

उन्होंने बॉर्डर पर बैठे किसानों से आह्वान किया कि- "किसान अपनी खुद की लड़ाई को भी कभी नहीं भूलता पुश्तों तक याद रखी जाती है उसी तरह इसे भी न भूलें। ये घाव मिटने नहीं चाहिए। आपके गांव में कोई भी बीजेपी का व्यक्ति या नेता आये तो प्रधानमंत्री के शब्दों को याद दिलाएं।"
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उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, "सरकार समझ जाए यदि हमने गुस्से में कोई फैसला ले लिया तो सब भूखे मर जाएंगे. जिस तरह 26 जनवरी को ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुसे, उसी तरह पैदल दिल्ली में घुस गए तो जगह नहीं बचेगी पैर रखने की.

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