किसानों का आंदोलन हर गुजरते दिन के साथ ज्यादा तेज होता जा रहा है. सरकार के साथ चार दौर की वार्ताओं के बाद भी कोई नतीजा ना निकलने के बाद अब गुरुवार को पांचवे दौर की बातचीत की जा रही है. यह बातचीत बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि किसान संगठन साफ कर चुके हैं कि इस बार अगर बातचीत सफल नहीं होती, तो आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा.
इस बीच किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है.
8 तारीख को पूरा भारत बंद रहेगा. इस बार 26 जनवरी की परेड में किसानों के पूरे सिस्टम को शामिल किया जाए. ट्रैक्टर हमेशा उबड़-खाबड़ ज़मीन पर ही चला है उसे भी राजपथ की मखमली सड़क पर चलने का मौका मिलना चाहिए.- राकेश टिकैत
इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने किसानों के पक्ष में अपने-अपने राज्यों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांग के मुताबिक कानूनों को वापस नहीं लेती, तो टीएमसी हर राज्य में प्रदर्शन करेगी. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी शनिवार को पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शन करेगी.
वहीं शुक्रवार को कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से किसानों की मांग रखने के लिए वक्त मांगा था. लेकिन उन्हें वक्त नहीं दिया गया. इस बात की पुष्टि करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने कृषि बिल पास करते वक्त किसानों और विपक्षी पार्टियों से कोई चर्चा नहीं की, जिसके चलते सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं.
पढ़ें ये भी: तेलंगाना की सियासत में BJP के उभार की वजह और GMHC नतीजों के मायने
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)