दुनिया की एडवांस फाइटर प्लेन F-16 अब भारत में बनेगा. सोमवार को एफ-16 फाइटर प्लेन भारत में बनाने के लिए अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन और टाटा समूह के टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच समझौता हुआ.
टाटा और लॉकहीड मार्टिन के इस समझौते को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए बड़ा समर्थन बताया जा रहा है.
इस सौदे की घोषणा पेरिस एयरशो के अवसर पर की गई और कहा गया है कि यह सौदा भारतीय वायुसेना की एक इंजन वाले लड़ाकू विमान की मांग को पूरा करने के अनुकूल है.
मोदी के अमेरिका दौरे से पहले हुआ यह समझौता
इस समझौते की घोषणा ऐसे समय में की गई है जबकि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने अमेरिका जा रहे हैं. ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी.
क्या है इस डील की खास बात?
इस सौदे के तहत लॉकहीड टेक्सास के अपने फोर्ट वर्थ कारखाने को भारत शिफ्ट करेगी. दोनों कंपनियों ने इस समझौते को अमेरिका-भारत इंडस्ट्रियल पार्टनरशिप के लिए 'अप्रत्याशित' बताते हुए कहा है कि इससे भारत में प्राइवेट एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षमता के विकास में सीधी मदद मिलेगी.
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार भारतीय वायु सेना को इस समय मझोले भार के 200 लड़ाकू विमानों की जरुरत है. लॉकहीड मार्टिनी का दावा है कि एफ-16 ब्लाक 70 उसका सबसे नया मॉडल है.
F16 में कितना है दम?
- स्पीड - 1,500 मील प्रति घंटे
- किसी भी मौसम में कर सकता है काम
- F-16 फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना के सिंगल इंजन फाइटर जरूरतों के लिए उपयुक्त
- एडवांस रडार सिस्टम
- 26 देश 3,200 F-16 लड़ाकू विमानों का करते हैं इस्तेमाल
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