अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपए तक है तो आपको अब सिर्फ एक पेज का इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म भरना होगा. सरकार इसके लिए आईटीआर-1 का नया फॉर्म लाएगी.
फिलहाल ये फॉर्म 3-4 पेज का होता है. बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एलान किया था कि 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वालों के लिए सरकार एक पेज का रिटर्न फॉर्म लाएगी, लेकिन अब सरकार ने इस सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया है.
हालांकि ये फैसला सिर्फ नौकरी पेशा लोगों पर लागू होगा और उनकी आमदनी के स्रोत में सैलरी के अलावा एक घर का किराया शामिल हो सकता है. अगर नौकरीपेशा लोगों की आमदनी के इससे ज्यादा स्रोत हैं तो ये फैसला उन पर लागू नहीं होगा. उन्हें रिटर्न के लिए दूसरे फॉर्म ही भरने पड़ेंगे.
ये फैसला वित्त वर्ष 2016-17 यानी एसेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए लागू हो जाएगा. आमतौर पर सरकार नया वित्त वर्ष शुरू होने के बाद ही रिटर्न फॉर्म जारी करती है और इसमें समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं. सरकार नए रिटर्न फॉर्म जल्दी ही लाएगी जिसके बाद 31 जुलाई तक लोगों को अपने इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल करने होंगे.
सरकार का मानना है कि फॉर्म को सरल करने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिटर्न फाइल करने के लिए बढ़ावा मिलेगा. इससे बड़े पैमाने पर नए लोग टैक्स के दायरे में आएंगे.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी 29 करोड़ से ज्याद पैन कार्ड है लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद सिर्फ 6 करोड़ है.
सरकारी नियमों के अनुसार जिसकी सालाना कमाई ढाई लाख से कम है, उस व्यक्ति को टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है. फिलहाल जितने लोग देश में इनकम टैक्स भरते हैं, उनमें 5 लाख से ज्यादा सालाना आय दिखाने वालों की तादाद सिर्फ 76 लाख है. इन 76 लाख लोगों में भी 56 लाख लोग नौकरीपेशा हैं.
जानकारों के मुताबिक आसान रिटर्न फॉर्म के लिए 50 लाख की लिमिट तय करने के पीछे सरकार की सोच यही है कि इस आय वर्ग के लोगों को अपना रिटर्न फाइल करने के लिए किसी सीए की मदद ना लेना पड़े.
गौरतलब है कि नए वित्त वर्ष से सरकार ने 50 लाख से ज्यादा और 1 करोड़ से कम कमाने वालों के लिए 10 प्रतिशत का एक नया सरचार्ज लगाने का फैसला किया है. 1 करोड़ से ज्यादा कमाई वालों के लिए 15 प्रतिशत सरचार्ज का नियम पहले से लागू है. सरकार ने टैक्स रिटर्न भरने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में एक और एलान किया था. सरकार ने पहली बार रिटर्न भरने वालों को किसी भी तरह की स्क्रूटनी से राहत का एलान किया था, बशर्ते उनकी कमाई 5 लाख रुपए सालाना से कम हो.
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