रायपुर पुलिस ने 17 अगस्त को भारत में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास के खिलाफ एक FIR दर्ज की है. यह FIR छत्तीसगढ़ के पत्रकार आवेश तिवारी की शिकायत पर दर्ज हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दास ने "लोकसभा चुनाव से पहले अपने कर्मचारियों पर कई हेट स्पीच पोस्ट न हटाने का दबाव डाला था." रिपोर्ट के मुताबिक, यह "भारतीय बाजार में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए" किया गया था.
FIR में, जिसकी एक कॉपी क्विंट के पास है, दो अन्य लोगों, विवेक सिन्हा और राम साहू के भी नाम हैं. तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा कि दास ने सिन्हा और साहू की मिलीभगत से "हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने के मकसद से कॉन्टेंट पब्लिश करने और सर्कुलेट करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया."
बता दें कि अंखी दास ने भी दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि तिवारी ने 16 अगस्त को उन्हें फेसबुक पर धमकी दी थी.
ये दोनों FIR अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद दर्ज हुई हैं, जिसमें कहा गया था कि कि बिजनेस का हवाला देते हुए, भारत में फेसबुक की टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव ने बीजेपी से जुड़े ग्रुप्स और कम से कम चार लोगों पर हेट स्पीच रूल्स लागू करने का विरोध किया था, बावजूद इस तथ्य के, कि हिंसा को बढ़ावा देने या उसमें हिस्सा लेने के लिए उनकी आंतरिक तौर पर पहचान की गई थी.
अपने खिलाफ आरोपों को लेकर तिवारी ने कहा कि 16 अगस्त को उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली था जिसमें उन्होंने आर्टिकल का हवाला दिया था और दास के खिलाफ प्राथमिक आरोपों को संक्षेप में पेश किया था.
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