एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व निदेशक आकार पटेल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. हाल ही में उनके एक ट्वीट के बाद बेंगलुरु पुलिस ने FIR दर्ज की थी और अब उनका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड हो गया है.
आकार पटेल पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शन की तर्ज पर दलितों, मुस्लिमों और आदिवासियों को प्रदर्शन करने के लिए भड़काया है. दरअसल, 31 मई को आकार पटेल ने अमेरिका के कोलाराडो में चल रहे एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो शेयर कर, ट्विटर पर लिखा था.
हमें दलितों, मुस्लिमों और आदिवासियों से ऐसे प्रदर्शन की जरूरत है. गरीबों और महिलाओं से भी. तब दुनिया का ध्यान खींचेगा. प्रदर्शन एक क्राफ्ट है.अपने ट्वीट में आकार पटेल
इस ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए जेसी नगर पुलिस ने 2 जून को उनके खिलाफ FIR दर्ज की. एक्टिविस्ट आकार पटेल के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की तीन धाराओं , धारा 505 (1) (b), इस धारा के तहत तब मामला दर्ज होता है जब किसी शख्स के ऊपर लोगों को भड़काने का या डर का माहौल पैदा कर, राज्य के विरुद्ध भड़काने का आरोप हो. धारा 153- दंगे के लिए उकसाने का आरोप, और धारा 117 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अब उनका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया है.
इस पूरे मामले को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले के तौर पर देखते हैं.
आकार पटेल पर बेंगलुरु पुलिस की तरफ से FIR एक और उदाहरण है कि कैसे असहमित के आधार को देश में अपराध की श्रेणी में लाया जा रहा है. बेंगलुरु पुलिस को अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल बंद करना चाहिए. आकार पटेल अपने संवैधानिक अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे उनका शोषण बंद होना चाहिए.अविनाश कुमार
आकार पटेल के उस ट्वीट को सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही थी, कुछ लोग उनके पक्ष में थे तो कुछ लोग उन्हें लताड़ते हुए भी नजर आए.
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