बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे पुणे लैंड डील स्कैम में फंस गए हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में खडसे और उनकी पत्नी समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसी घोटाले में नाम सामने आने पर एकनाथ खडसे ने राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था.
पुणे में महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन की जमीन का घोटाला सामने आने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसकी जांच का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने एडीजी की निगरानी में एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश बीती 8 मार्च को दिया था.
इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई कर सोमवार को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी, दामाद गिरीश, जमीन मालिक उकाणी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
खडसे पर गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप
बीते साल 30 मई को पुणे के आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गावंडे ने बंडगार्डन थाने में शिकायत कर खडसे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे. खडसे पर आरोप है कि उन्होंने एमआईडीसी की जमीन को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर खरीदा.
खडसे की पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी ने मिलकर बीते साल अप्रैल में पुणे में 3.75 करोड़ में तीन एकड़ जमीन खरीदी थी. इसके लिए 1.37 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी के तौर पर चुकाये गये थे. नियम के मुताबिक, इतनी ड्यूटी 31.01 करोड़ की डील पर चुकाई जाती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि खडसे ने इतनी ज्यादा स्टांप ड्यूटी क्यों दी?
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