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वेबकूफ बने विधायक मेवाणी,फेक वीडियो शेयर करने के आरोप में केस दर्ज

जिग्नेश ने WhatsApp पर आए वीडियो को असली समझकर, पीएमओ को टैग कर ट्वीट कर दिया और कार्रवाई की मांग भी कर डाली.

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गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी 'वेबकूफ' बन गए हैं. जिग्नेश ने WhatsApp पर आए वीडियो को असली समझकर, पीएमओ को टैग कर ट्वीट कर दिया और कार्रवाई की मांग भी कर डाली. बाद में पता चला कि उनका ट्वीट 'फेक न्यूज' के दायरे में आ गया. अब फर्जी वीडियो साझा करने और एक निजी स्कूल को बदनाम करने के सिलसिले में गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि मेवाणी ने 20 मई को ट्विटर पर ये वीडियो शेयर किया था.

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दरअसल, जो वीडियो मेवाणी ने शेयर किया था उसमें ये दिख रहा था बच्चे की बेरहमी से पिटाई की जा रही है. दावा ये किया गया कि वीडियो गुजरात के वलसाड जिले के आरएमवीएम स्कूल का है. ये वीडियो पहले से भी वॉट्सअप पर शेयर हो रहा था. साथ ही इसके साथ एक फर्जी मैसेज भी वायरल हो रहा था.

“आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के RM VM SCHOOL का टीचर है इसको इतना शेयर करो की ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए”.

मेवाणी ने भी इसे अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कर दिया. उनका कहना था कि ये वीडियो उन्हें WhatsApp से मिला है, मेवाणी ने अपने ट्वीट में पीएमओ को भी टैग किया था. बाद में उन्होंने ये पोस्ट हटा ली थी, इससे पहले हजारों लोगों ने ये वीडियो देखा था.

स्कूल की प्रिंसिपल ने दर्ज कराया केस

पुलिस के मुताबिक, जिस स्कूल के बारे में लिखकर वीडियो शेयर किया जा रहा था उसकी प्रिंसिपल ने वलसाड पुलिस थाने में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया. उनका दावा है कि विधायक ने जो वीडियो शेयर किया, वह उनके स्कूल से जुड़ा हुआ नहीं है और विधायक ने ऐसा करके इस स्कूल और यहां काम कर रहे शिक्षकों की बदनामी की.

क्या है वीडियो का सच?

हमारी जांच में पता चला है कि ये वीडियो वलसाड का नहीं बल्कि सीरिया का है. 

हमारी पड़ताल में क्या पता चला?

InVid सॉफ्टवेयर पर सर्च से हम horanfree.com नाम की वेबसाइट तक पहुंचे. जहां एक आर्टिकल 26 फरवरी 2018 को पब्लिश किया गया था. आर्टिकल में दावा किया गया है कि वीडियो सीरिया के गिजा का है. जहां एक 9 साल के बच्चे को किडनैप किया गया और उसे प्रताड़ित किया गया था. फिरौती की भी मांग की गई थी.

फिर हमने "9 year old, kidnapping, Giza" कीवर्ड सर्च किया, जिससे हमें 27 फरवरी 2018 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 9 साल के उस बच्चे को फ्री सीरियन आर्मी नाम के संगठन ने अगवा किया था. इस वीडियो को उसी ग्रुप ने रिलीज किया था और फिरौती की भी मांग की थी.

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