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असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग

असम के मुख्यमंत्री गोगोई और बीजेपी के सोनोवाल की किस्मत हुई ईवीएम में कैद.

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भारत
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असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सोमवार को राज्य के 65 निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच करीब 80 फीसदी मतदान हुआ. असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 95,11,732 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

असम के मुख्यमंत्री गोगोई और बीजेपी के सोनोवाल की किस्मत हुई ईवीएम में कैद.
मतदान करने के बाद पत्नी डॉली गोगोई के साथ असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (फोटोः PTI)

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, शाम पांच बजे तक पहले चरण में करीब 80 फीसदी मतदान हुआ. साथ ही मतदान के दौरान कहीं से किसी भी तरह की अवांछित घटना की सूचना नहीं है. पहले चरण में ऊपरी असम, दो पर्वतीय जिलों, ब्रह्मपुत्र घाटी के उत्तरी तट और बराक घाटी में फैले 2,190 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. पहले चरण में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी सर्बानन्द सोनोवाल समेत 539 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई.

सीसीटीवी से रखी गई नजर

सोमवार को हुए पहले चरण के चुनाव के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की कतारें देखी गईं. मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सकें. पहली बार मतदान करने आए मतदाता पूरे जोश में दिखे और अन्य लोगों के साथ वे भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए घंटों लाइन में खडे रहे.

मतदान केंद्रों पर रहा उत्सव जैसा माहौल

अधिकतर मतदान केंद्रों पर उत्सव जैसा माहौल रहा. कुछ मतदान केंद्रों को रंग बिरंगे बंदनवारों से तो कुछ को लाल, नीले, सफेद और नांरगी रंग के बैलूनों से सजाया गया था और कुछ केंद्रों में मिट्टी के कलश भी रखे गए थे. इसके साथ ही आदर्श मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए थे. इनमें कुछ केंद्रों में तैनात सभी कर्मी महिलाएं थीं. ऐसे मतदान केंद्रों में विश्राम कक्ष, निशक्तजनों और बुजुर्गों के लिए व्हील चेयर तथा मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गई थी.

कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ मतदान

तेजपुर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार ‘‘वोटर्स वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल’’ :वीवीपीएटी: प्रणाली का उपयोग किया गया. अधिकारियों ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों से करीब 100 ईवीएम में खराबी की सूचना मिली जिसके बाद उन्हें तत्काल बदल दिया गया ताकि मतदान बाधित न हो. मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत केंद्रीय सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस की कुल 535 कंपनियां तैनात की गईं थीं. मतदान केंद्रों में 48 हजार से अधिक कर्मी तैनात किए गए थे.

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