उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में 10 अगस्त को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों ने कमर कस ली है. मणिपुर के बीजेपी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के विश्वास प्रस्ताव पर वोट करने के लिए एक दिन के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. यही विश्वास मत तय करेगा कि आगे बीजेपी नेतृत्व वाला गठबंधन सरकार में बना रहेगा या नहीं.
विधानसभा का गणित
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है. मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है. लेकिन अभी वर्तमान में विधानसभा स्पीकर को मिलाकर 53 सदस्य ही मौजूद हैं. कुछ सदस्यों की सदस्यता दल बदल कानून के तहत चली गईं तो नहीं कुछ विधायकों का निधन भी हुआ है. बता दें कि फिलहाल बीजेपी के 18 विधायक हैं तो वहीं कांग्रेस के 24 विधायक हैं.
कांग्रेस लाई थी अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस ने 28 जुलाई को बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. कांग्रेस के विधायक केईशाम मेघचंद्र सिंह ने इस अविश्वास प्रस्ताव को लाए थे.
सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस ड्रग केस का मुद्दा उठाएगी जिसमें कथित तौर पर बीजेपी नेता के भी शामिल होना बताया जा रहा है. इसके अलावा सत्र में कोरोना वायरस, लॉकडाउन और जरूरी चीजों की पहुंच वगैरह को लेकर भी चर्चा होनी है.
6 विधायकों ने सरकार से समर्थन ले लिया था वापस
राज्य की बीजेपी गठबंधन वाली सरकार 17 जून को तब अस्थिरता में चली गई जब 6 विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और तीन बीजेपी विधायकों ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. हालांकि नेशनल पीपल्स पार्टी के 4 विधायक बाद में गठबंधन में वापस आ गए. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और मेघालय के मुख्यमंत्री कोर्नाड के संगमा के दखल के बाद बीजेपी के सहयोगी दल के ये विधायक वापस आ सके थे.
लेकिन आज जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें तय हो जाएगा कि राज्य की बीजेपी गठबंधन वाली सरकार बरकरार रहेगी या फिर सरकार गिर जाएगी.
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