चारा घोटाला के एक मामले में लालू यादव साढ़े तीन साल की सजा
कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
लालू को जमानत के लिए हाई कोर्ट जाना होगा
देवघर कोषागार घोटाले मामले में लालू को सजा
जगदीश शर्मा को 7 साल की सज़ा
फूलचंद, महेश, राजा राम को भी साढ़े तीन साल की सजा
कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति बनाने में जुटे पार्टी के नेता
चारा घोटाले के एक मामले में दोषी आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा दी गई है. उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने पर छह महीने अतिरिक्त सजा हो सकती है. जमानत के लिए लालू को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा.
कोर्ट के फैसले के बाद लालू यादव ट्वीटर बम दागे. पहले ट्वीट में उन्होंने कहा कि बीजेपी के सामने झुकने से पहले मौत को गले लगाना पसंद करुंगा.
इसके बाद उन्होंने बिहार के लोगों के नाम एक खुला कत ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा- झूठ अगर शोर करेगा तो लालू भी पुरजोर लड़ेगा.
इससे पहले सुनवाई के दौरान जज ने तीखी टप्पणी की. उन्होंने कहा,
इन दोषियों के लिए खुली जेल सबसे बढ़िया है क्योंकि इन्हें गाय पालने का अनुभव है.
रांची की सीबीआई कोर्ट से लालू यादव समेत सभी 16 दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया गया. कोर्ट के मुताबिक, जुर्माना न देने पर दोषियों को 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
जेडीयू के बागी नेता शरद यादव ने लालू यादव का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में लालू यादव को राहत मिलेगी.
क्या है मामला?
चारा घोटाले के कई मामलों में से यह मामला देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने का है. इस पूरे मामले में कुल 34 आरोपी थे, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सीबीआई का गवाह बन गया.
इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित 7 लोगों को बरी कर दिया था.
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